iGrain India - कोलकाता । बांग्ला देश में भारी अराजकता एवं उपद्रव के कारण भारत ने उसके साथ लगती अपनी सीमा को सील कर दया था जिससे दोनों देशों के बीच स्थल मार्ग से होने वाला कारोबार कुछ दिनों के लिए बंद हो गया था।
लेकिन अब सीमा व्यापार बिंदुओं को खोल दिया गया है और उसके साथ ही भारत से बांग्ला देश को कृषि उत्पादों का निर्यात आरंभ हो गया है।
इसमें प्याज मुख्य रूप से शामिल है। जानकारों के अनुसार फिलहाल स्थिति पूरी तरह ठीक नहीं होने के कारण थोड़ी बहुत मात्रा में ही निर्यात कारोबार हो रहा है मगर आगे यह जोर पकड़ सकता है।
महाराष्ट्र में लासल गांव कृषि उत्पादन विपणन समिति (एपीएमसी) के एक अधिकारी के अनुसार बांग्ला देश को प्याज की अपनी घरेलू मांग एवं जरूरत को पूरा करने के लिए मुख्यत: भारत से होने वाले आयात पर निर्भर रहना पड़ता है।
पिछले दिन दोनों देशों के बीच सहमति बनने के बाद पश्चिम बंगाल के रास्ते प्याज से लदे 17 ट्रकों को बांग्ला देश की सीमा में घुसने में सफलता मिल गई।
बांग्ला देश के बैंकों में भी कामकाज आरंभ हो गया है और व्यापारियों को निर्यात गारंटी जारी होने लगी है। पहले जो गारंटी जारी हुई ही उसका उपयोग करके व्यापारी भारतीय उत्पादों का आयात करने लगे हैं।
समझा जाता है कि भारत से शीघ्र ही बांग्ला देश को हल्दी एवं लालमिर्च जैसे मसालों के साथ-साथ अन्य कृषि उत्पादों का निर्यात बहाल हो जाएगा जिसमें रूई भी शामिल है।
भारत और बांग्ला देश के बीच करीब 18 अरब डॉलर का वार्षिक द्विपक्षीय कारोबार होता है और वह दक्षिण एशिया में भारत का सबसे प्रमुख व्यापारिक साझीदार बना हुआ है।
भारत से बांग्ला देश को प्रति वर्ष 7-8 टन प्याज का निर्यात किया जाता है। इसके अलावा वहां ऑयल मील, चीनी, मक्का तथा चाय, मसाले एवं कई अन्य बागानी एवं बागवानी उत्पादों का भी निर्यात किया जाता है। बांग्ला देश भारतीय रूई का सबसे बड़ा खरीदार बन गया है। सीमा पर हालात सामान्य होते जा रहे हैं।