iGrain India - बंगलोर । कर्नाटक के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने कहा है कि सरकार अन्न भाग्य स्कीम के अंतर्गत अब बीपीएल परिवारों को नकद राशि या चावल के बजाए दालों, चीनी अथवा खाद्य तेलों का वितरण सुनिश्चित करने की योजना बना रही है।
वर्तमान समय में बीपीएल कार्ड धारकों को इस स्कीम के तहत नकद राशि प्रदान की जा रही है लेकिन हाल ही में करवाए गए एक सर्वेक्षण से यह तथ्य सामने आया है कि इस स्कीम के 93 प्रतिशत लाभार्थी दाल, चीनी या खाद्य तेल दिए जाने के पक्ष में हैं। इसे ध्यान में रखकर सम्बन्धित अधिकारियों एवं मुख्यमंत्री के साथ इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
केन्द्रीय खाद्य मंत्री से मुलाकात करने के बाद कर्नाटक के नागरिक आपूर्ति मंत्री ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री ने वादा किया है कि गरीब वर्ग में वितरण के लिए राज्य सरकार को चावल की जितनी मात्रा की जरूरत पड़ेगी, सरकार उसे उपलब्ध करवाएगी।
वैसे भी केन्द्र ने राज्यों के लिए चावल का गोदाम खोल दिया है और एक निश्चित मूल्य पर इसकी खरीद की स्वीकृति भी दे दी है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत केन्द्र सरकार द्वारा राशन कार्ड धारकों को प्रति माह 5 किलो प्रति व्यक्ति की दर से मुफ्त में चावल दिया जा रहा है।
कर्नाटक के खाद्य मंत्री का कहना है कि अगर राज्य सरकार द्वारा भी अन्न भाग्य योजना के अंतर्गत कार्ड धारकों को चावल उपलब्ध करवाया गया तो यह लाभार्थियों के लिए बहुत अधिक हो जाएगा,
इसके बदले यदि उसे दाल, खाद्य तेल या चीनी का स्टॉक उपलब्ध करवाया जाए तो उसके लिए ज्यादा लाभदायक साबित होगा।
कर्नाटक सरकार ने पिछले विधानसभा चुनाव में लाभार्थियों के लिए अन्न भाग्य योजना शुरू करने और इसके तहत कार्डधारकों को अतिरिक्त चावल देने का वादा किया था।
चुनाव के बाद यह योजना तो लागू हो गई मगर केन्द्र सरकार ने कर्नाटक को अपने स्टॉक से चावल देने से इंकार कर दिया। इसके फलस्वरूप राज्य सरकार ने लाभार्थियों को चावल के बजाए उसका मूल्य देना शुरू कर दिया।
अब केन्द्र के पास चावल का अत्यन्त विशाल स्टॉक हो गया है और वह इसे घटाने के लिए बेचैन हो रहा है मगर अधिकांश राज्य इसकी खरीद करने के लिए तैयार नहीं हैं क्योंकि वहां कर्नाटक जैसी कोई स्कीम नहीं चली जा रही है और स्वयं कर्नाटक सरकार भी अपनी स्कीम में बदलाव करके चावल के बजाए दाल, तेल या चीनी का वितरण शुरू करने का प्लान बना रही है।