iGrain India - नई दिल्ली । कम स्टॉक के कारण मंडियों में काबुली चना की सीमित आवक हो रही है जबकि घरेलू एवं निर्यात मांग मजबूत रहने से इसका भाव ऊंचा चल रहा है। त्यौहारी सीजन के साथ-साथ लग्नसरा के सीजन में भी इसकी मांग बढने की उम्मीद है।
इसे देखते हुए केन्द्र सरकार काबुली चना के आयात को शुल्क मुक्त करने पर विचार कर रही है अगले महीने (सितम्बर में) इस सम्बन्ध में कोई निर्णय लिए जाने की संभावना है।
मालूम हो कि वर्तमान समय में काबुली चना पर 40 प्रतिशत के पूल आयात शुल्क एवं उस पर 10 प्रतिशत के सरचार्ज के साथ कुल 44 प्रतिशत का सीमा शुल्क लागू है जिसे कुछ महीनों के लिए स्थगित रखा जा सकता है।
वरिष्ठ आधिकारिक सूत्रों के अनुसार घरेलू प्रभाग में काबुली चना की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने तथा कीमतों में तेजी पर अंकुश लगाने के लिए इसके आयात पर लगे सीमा शुल्क को हटाने पर गम्भीरतापूर्वक विचार किया जा रहा है और सितम्बर के प्रथम सप्ताह में इसके लिए अधिसूचना जारी की जा सकती है।
अनेक उपायों एवं प्रयासों के बावजूद काबुली चना का भाव उछलकर अत्यन्त ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है। त्यौहारी सीजन से पूर्व जबरदस्त मांग निकलने के आसार हैं जिससे आगे इसका दाम और भी तेज हो सकता है। सरकार का निर्णय घरेलू बाजार पर मनोवैज्ञानिक असर डाल सकता है।
देसी चना की कीमतों में भी तेजी- मजबूती का माहौल बना हुआ है जबकि पहले से ही इसका भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से काफी ऊंचा चल रहा है। बेसन निर्माताओं की इसमें जोरदार मांग देखी जा रही है। आगामी समय में भी बाजार तेज रह सकता है।
हालांकि भारत से काबुली चना की अच्छी मात्रा का निर्यात होता रहा लेकिन अब घरेलू बाजार भाव काफी ऊंचा होने से निर्यात प्रदर्शन कमजोर पड़ने की संभावना है क्योंकि रूस, कनाडा एवं अमरीका जैसे देशों में इसके नए माल की आवक शुरू हो गई है। ऐसी हालत में यदि शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दी गई तो घरेलू बाजार पर दबाव बढ़ सकता है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 (अप्रैल-मार्च) के दौरान भारत से कुल 99,157 टन काबुली चना का निर्यात किया गया जबकि देश में बाहर से इसका आयात भी 93,648 टन पर पहुंच गया।
इसके विपरीत वित्त वर्ष 2022-23 में देश से काबुली चना का निर्यात तो बढ़कर 1,21,143 टन की ऊंचाई पर पहुंचा था मगर देश में इसका आयात महज 1735 टन रहा था।