iGrain India - मुम्बई । राजस्व सतर्कता निदेशालय (डीआरआई) के अधिकारियों द्वारा तीन बंदरगाहों- जेएनपीटी, कांडला एवं मूंदड़ा पर आर्गेनिक चावल से लदे 400 से अधिक कंटेनरों को पकड़ा गया है जिसे निर्यात उद्देश्य के लिए विदेश भेजा जा रहा था।
इस सम्बन्ध में निदेशालय को कुछ शिकायतें मिली थीं कि इस चावल के निर्यात शिपमेंट में अनियमितता बरती जा रही है।
जानकारों का कहना है कि आर्गेनिक चावल के नाम पर गैर ऑर्गेनिक का सामान्य किस्म के सफेद तथा सेला चावल का निर्यात किया जा रहा है।
इसके परिणाम स्वरूप चालू वित्त वर्ष के शुरूआती चार महीनों में यानी अप्रैल-जुलाई 2024 के दौरान तथा कथित ऑर्गेनिक चावल का निर्यात बढ़कर 1,46,585 टन पर पहुंच गया जो पिछले वित्त वर्ष की सम्पूर्ण अवधि के कुल निर्यात 1,07,727 टन से करीब 39 हजार टन ज्यादा है।
चालू वित्त वर्ष के आरंभिक चार महीनों में आर्गेनिक किस्म के नाम पर जिस चावल का निर्यात किया गया उसमें 1,27,120 टन सफेद चावल तथा 8 हजार टन से अधिक टुकड़ा चावल का शिपमेंट भी शामिल है।
ज्ञात हो कि सामान्य श्रेणी के सफेद एवं टुकड़ा चावल के निर्यात पर पहले से ही प्रतिबंध लगा हुआ है। इसके अलावा सेला चावल पर 20 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लागू है लेकिन कुछ मिलर्स इससे बचने के लिए आर्गेनिक चावल के नाम से इसका शिपमेंट कर रहे हैं।
समझा जाता है कि अक्टूबर 2023 से जुलाई 2024 के दौरान सरकार को निर्यात शुल्क में मिलने वाले 160 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व प्राप्त करने से वंचित होना पड़ा।
निदेशालय द्वारा अकेले जेएनपीटी बंदरगाह पर ही 200 से अधिक कंटेनर में चावल की खेप पकड़ी गई है। वियतनाम के लिए 22,186 टन तथा केन्या के लिए 16,547 टन आर्गेनिक चावल भेजा जाना था।