iGrain India - मेलबोर्न । ऑस्ट्रेलिया मौसम ब्यूरो ने कहा है कि अल नीनो सॉदर्न ऑसिलेशन (ईइनएसओ) की न्यूट्रल स्थिति दक्षिणी गोलार्द्ध में बसंतकाल के अंत तक बरकरार रहने की संभावना है जिससे ला नीना मौसम चक्र के आने की संभावना काफी बढ़ गई है।
ब्यूरो के मुताबिक यद्यपि मध्यवर्ती विषुवतीय प्रशांत महासगार में समुद्री सतह का तापमान (एसएसटी) दिसम्बर 2023 से ही धीरे-धीरे ठंडा होने लगा था और अप्रैल 2024 तक आते-आते इसके अल नीनो के प्रभाव को काफी हद तक खत्म कर दिया।
लेकिन अगस्त के आरंभ एसएसटी के ठंडा होने की गति धीमी पड़ गई है जिससे ला नीना मौसम चक्र के आने में देर हो रही है। लेकिन इसके लिए परिस्थितियां अनुकूल बनी हुई है।
ध्यान देने की बात है कि मध्यवर्ती विषुवतीय प्रशांत महासागर ही अल नीनो तथा ला नीना- दोनों मौसम चक्र की उत्पत्ति का स्रोत है।
यदि वहां समुद्री सतह का तापमान बढ़ता है तो अल नीनो का निर्माण होता है और यदि तापमान घटता है तो ला नीना की उत्पत्ति होती है।
दिलचस्प तथ्य यह है कि विभिन्न देशों के मौसम मॉडल्स से ला नीना के बारे में अलग-अलग जानकारी मिल रही है।
अमरीकी मौसम पूर्वानुमान केन्द्र का कहना है कि ला नीना मौसम चक्र के आने की संभावना लगातार बढ़ती जा रही है।
इधर ऑस्ट्रेलियाई मौसम एजेंसी ने कहा है कि 7 में से 3 जलवायु मॉडल यह संकेत दे रहा है कि ट्रॉपिकल प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सतह का तापमान ला नीना की उत्पत्ति के लिए आवश्यक आधार (-) 0.8 डिग्री सेल्सियस की सीमा को अक्टूबर 2024 में पर कर सकता है
क्योंकि यह अभी तक-चौथाई स्तर तक ही पहुंच सका है लेकिन शेष मॉडल्स से ज्ञात होता है कि सितम्बर से दिसम्बर 2024 तक ईएनएसओ न्यूट्रल बना रहेगा।
इसका मतलब यह हुआ कि समुद्री सतह का तापमान (-) 0.8 से (+) 0.8 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है।