iGrain India - नई दिल्ली । पिछले साल की तुलना में इस बार देश के कम से कम चार पांच राज्यों में कपास के बिजाई क्षेत्र में गिरावट आई है
जिसमें गुजरात, राजस्थान, हरियाणा एवं पंजाब जैसे महत्वपूर्ण उत्पादक प्रान्त भी शामिल हैं। गुजरात तो देश में रूई का सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य है।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार चालू खरीफ सीजन में राष्ट्रीय स्तर पर कपास का उत्पादन क्षेत्र घटकर 111.07 लाख हेक्टेयर पर अटक गया जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 122.15 लाख हेक्टेयर से 11.08 लाख हेक्टेयर कम है।
इससे पूर्व कपास का क्षेत्रफल वर्ष 2022 में 124.27 लाख हेक्टेयर तथा वर्ष 2021 में 116.51 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया था।
पिछले कुछ महीनों के दौरान रूई का घरेलू बाजार भाव नरम रहने से कपास की खेती में किसानों की दिलचस्पी घटने की आशंका व्यक्त की जा रही थी लेकिन क्षेत्रफल में 11 लाख हेक्टेयर की भारी गिरावट आने का अनुमान शायद ही किसी ने लगाया था।
पंजाब, हरियाणा एवं राजस्थान में घातक रोगों-कीड़ों के बढ़ते प्रकोप से कपास उत्पादक बेहद परेशान हैं और इसलिए उन्होंने इस बार इसके क्षेत्रफल में भारी कटौती कर दी।
इन तीन राज्यों में कपास का कुल रकबा 10.23 लाख हेक्टेयर तक ही पहुंच सका जबकि साल 16 लाख हेक्टेयर रहा था।
गुजरात में भी क्षेत्रफल 26 लाख हेक्टेयर से घटकर 23 लाख हेक्टेयर रह गया। महाराष्ट्र एवं तेलंगाना में बिजाई क्षेत्र कुछ कम रहा। बिजाई की प्रक्रिया लगभग समाप्त हो चुकी है।