iGrain India - लंदन । एक अग्रणी वैश्विक संस्था- इंटरनेशनल ग्रेन्स कौंसिल (आईजीसी) ने चावल का वैश्विक उत्पादन 2024-25 के मार्केटिंग सीजन में बढ़कर 52.80 करोड़ टन पर पहुंच जाने का अनुमान लगाया है जो 2023-24 सीजन के उत्पादन 52.20 करोड़ टन से 60 लाख टन अधिक है।
दूसरी ओर इसकी वैश्विक खपत अनुमान 52.70 लाख टन से घटाकर 52.60 लाख टन नियत कर दिया है। इसके फलस्वरूप चावल के वैश्विक बकाया स्टॉक में 20 लाख टन का इजाफा हो जाएगा।
कौंसिल के मुताबिक भारत में 2023-24 सीजन के दौरान 1367 लाख टन चावल का उत्पादन हुआ जो 2024-25 में कुछ बढ़कर 1375 लाख टन पर पहुंचने की उम्मीद है। 2023-24 के सीजन में पहले भारत से 151 लाख टन चावल के निर्यात का अनुमान लगाया गया था जिसे अब 3 लाख टन बढ़ाकर 154 लाख टन नियत किया गया है।
कौंसिल ने 2024-25 के मार्केटिंग सीजन में भारत से 173 लाख टन चावल का निर्यात होने का अनुमान लगाया है।
उल्लेखनीय है कि भारत दुनिया में चावल का सबसे प्रमुख निर्यातक और दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। यहां से बासमती एवं ग़ैर बासमती-दोनों श्रेणियों के चावल की विशाल मात्रा का निर्यात एशिया, अफ्रीका, यूरोप एवं उत्तरी अमरीका महाद्वीप के अनेक देशों को किया जाता है।
दरअसल सरकार द्वारा 100 प्रतिशत टूटे चावल तथा गैर बासमती सफेद चावल के व्यापारिक निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिए जाने से निर्यात प्रदर्शन पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है जबकि पहले इसका वार्षिक शिपमेंट 200 लाख टन से ऊपर पहुंच गया था।
खरीफ कालीन धान का उत्पादन क्षेत्र 369.05 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो पिछले साल के क्षेत्रफल 349.50 लाख हेक्टेयर से 19.55 लाख हेक्टेयर ज्यादा है। धान की रोपाई अभी जारी है और मानसून की अच्छी बारिश भी हो रही है।