iGrain India - नई दिल्ली (भारती एग्री एप्प)। केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वर्ष के दौरान 20 अगस्त तक राष्ट्रीय स्तर पर खरीफ फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 1031.56 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो पिछले साल की इसी अवधि के बिजाई क्षेत्र 1010.52 लाख हेक्टेयर से 21.04 लाख हेक्टेयर ज्यादा है।
इससे पहले खरीफ फसलों का रकबा का वर्ष 2022 में 1012.99 लाख हेक्टेयर तथा 2021 में 1038.51 लाख हेक्टेयर रहा था।
2024 के खरीफ सीजन के लिए फसलों का पंचवर्षीय औसत क्षेत्रफल 1096 लाख हेक्टेयर आंका गया है जिसमें से 1031.56 लाख हेक्टेयर में बिजाई की प्रकिया पूरी हो चुकी है।
इस औसत क्षेत्रफल तक पहुंचने के लिए अभी करीब 64.50 लाख हेक्टेयर में और बिजाई की जरूरत है। बिजाई प्रक्रिया आगे करीब एक माह तक जारी रहेगी और इस बीच 60-65 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों की खेती होना कोई बड़ी बात नहीं है।
यह सही है कि दलहन, तिलहन एवं कपास तथा गन्ना की बिजाई का अभियान लगभग समाप्त हो चुका है या बिलकुल अंतिम चरण में पहुंच गया है लेकिन धान की खेती निरन्तर जारी है।
धान का औसत क्षेत्रफल करीब 405 लाख हेक्टेयर नियत हुआ है जबकि इसका उत्पादन क्षेत्र 370 लाख हेक्टेयर के करीब पहुंचा है। पूर्वी तथा दक्षिणी राज्यों में देर तक धान की रोपाई चलती रहती है। सितम्बर में भी इसकी खेती जारी रहेगी।
गुजरात में अरंडी की बिजाई काफी पिछड़ रही है लेकिन किसान इसका रकबा बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। इसमें करीब 3-4 लाख हेक्टेयर का और सुधार आने की उम्मीद की जा रही है।
राजस्थान में भी क्षेत्रफल कुछ सुधर सकता है। मोटे अनाजों में मक्का का रकबा यद्यपि पहले ही गत वर्ष के 81.25 लाख हेक्टेयर से 6 लाख हेक्टेयर बढ़कर इस बार 87.25 लाख हेक्टेयर पर पहुंच चुका है मगर फिर भी कुछ इलाकों में इसकी बिजाई अभी चल रही है।