iGrain India - जीरा कीमतों में गिरावट : अभी तेजी की संभावना नहीं
नई दिल्ली । चालू सप्ताह के दौरान जीरा की हाजिर एवं वायदा कीमतों में गिरावट रही। उल्लेखनीय है कि चालू सीजन के दौरान देश में अधिक पैदावार के कारण मंडियों में जीरे की आपूर्ति बराबर बनी हुई है जबकि लोकल में 3610 कम है। निर्यात व्यापार भी सीमित चल रहा। क्योंकि विदेशों में नई फसल की आवक होने के कारण जीरा निर्यात गत वर्ष की तुलना में बढ़ा है। सूत्रों का मानना है कि हाल फिलहाल जीरा कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है। क्योंकि उत्पादक केन्द्रों पर किसानों के पास भी स्टॉक अच्छा है। भाव सुधरने के साथ ही मंडियों में जीरे की आवक बढ़नी शुरू हो जाएगी। जिस कारण से कीमतों में अधिक तेजी के आसार नहीं है। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष देश में जीरा का उत्पादन एक करोड़ बोरी से अधिक आ रहा है जबकि गत वर्ष उत्पादन 55/60 लाख बोरी का रहा था। देश में ही नहीं अपितू विदेशों में भी इस वर्ष जीरा उत्पादन गत वर्ष की तुलना में अधिक होने के समाचार मिल रहे हैं।
हाजिर बाजार
गत सप्ताह कमजोर मांग के कारण उत्पादक केन्द्रों की मंडियों सहित खपत केन्द्रों पर भी जीरा के भाव 800/1000 रुपए प्रति क्विंटल मंदे के साथ बोले गए। प्रमुख मंडी ऊंझा में जीरा का क्वालिटीनुसार भाव 24000/30000 रुपए से घटकर 23200/29000 रुपए पर आ गया है। जबकि गोंडल मंडी में भाव 23000/25000 रुपये से नरमी के साथ सप्ताह के अंत में 22000/24000 रुपए बोला जा रहा था। राजस्थान की नागौर मंडी में जीरे का भाव सप्ताह के अंत में 22000/23800 रुपए पर बोला जा रहा है। जबकि सप्ताह के शुरू में भाव 23000/24500 रुपए खुला था। मेड़ता, नौखा, जोधपुर मंडी में भी भाव मंदे के साथ बोले गए।
अधिक मन्दा नहीं
कारोबारियों का मानना है कि जीरा की वर्तमान कीमतों में अब अधिक मंदा संभव नहीं है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कीमतों में तेजी आएगी। सूत्रों का कहना है कि सितम्बर-अक्टूबर माह के दौरान जीरे के दामों में 5/7 रुपए किलो का मन्दा तेजी चलता रहेगा। आगामी सीजन के लिए उत्पादक केन्द्रों पर बिजाई घटने की स्थिति में बाजार में तेजी आ सकती है। अन्यथा कीमतों में अधिक तेजी नहीं है। भाव नीचे होने के कारण मंडियों में जीरे की दैनिक आवक भी कमजोर है। वर्तमान में ऊंझा मंडी में जीरे की आवक 6/7 हजार बोरी की चल रही है जबकि गोंडल एवं राजकोट में आवक 800/1000 बोरी की चल रही है। राजस्थान की जोधपुर मंडी में आवक 200/300 बोरी एवं नागौर 100/200 बोरी की रह गई है। मेड़ता एवं नागौर में आवक 1000/1500 बोरी की हो रही है।
निर्यात
चालू सीजन के दौरान भाव नीचे रहने के कारण वर्ष 2024-25 के प्रथम तीन माह अप्रैल जून के दौरान जीरा निर्यात बढ़ा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अप्रैल मई 2024 के दौरान जीरा का निर्यात 61463.38 टन का हुआ है जबकि गत वर्ष अप्रैल-मई 2023 में निर्यात 42988.50 टन का हुआ था। अप्रैल-मई के दौरान निर्यात अधिक होने के पश्चात जून माह में भी जीरा का निर्यात 16624.46 टन का हुआ जबकि जून-2023 में निर्यात 10411.13 टन का रहा था। उल्लेखनीय है कि विगत चार वर्षों से जीरा निर्यात में गिरावट दर्ज की जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2020-21 में जीरा का निर्यात 298423 टन का हुआ था जोकि वर्ष 2021-22 में घटकर 216971 टन पर आ गया। वर्ष 2022-23 में निर्यात 186509 टन का रहा। गत सीजन में जीरा की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी आने के कारण जीरा का निर्यात गत 6 वर्षों के न्यूनतम स्तर पर आ गया। और वर्ष 2023-24 में निर्यात घटकर 165269 टन पर आ गया है। वर्तमान हालात को देखते हुए चालू वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान जीरा का निर्यात अवश्य ही बढ़ेगा।