iGrain India - कोलकाता । चावल के एक अग्रणी उत्पादक राज्य- पश्चिम बंगाल में किसान चालू खरीफ सीजन के दौरान धान की खेती में भारी उत्साह दिखा रहे हैं जिससे इसका उत्पादन क्षेत्र बढ़कर नियत लक्ष्य के अत्यन्त निकट पहुंच गया है।
राज्य कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार बंगाल में 20 अगस्त 2024 तक धान का कुल उत्पादन क्षेत्र 40.15 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा जो गत वर्ष की समान अवधि के क्षेत्रफल 36-90 लाख हेक्टेयर से 8.75 प्रतिशत ज्यादा और नियत लक्ष्य 41.82 लाख हेक्टेयर का करीब 96 प्रतिशत है।
बंगाल में दक्षिण-पश्चिम की नियमित रूप से अच्छी वर्षा होने के कारण खासकर वर्धमान एवं मेदिनीपुर जैसे शीर्ष उत्पादक जिलों में धान के रकबे में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई है।
पश्चिम बंगाल के पंचायत मंत्री का कहना है कि धान का उत्पादन क्षेत्र पिछले साल से आगे चल रहा है और जल्दी ही इसका नियत लक्ष्य हासिल हो जाने की उम्मीद है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 20 अगस्त तक पूर्वी वर्धमान जिले में नियत लक्ष्य के सापेक्ष 96.72 प्रतिशत भाग में धान की खेती हो चुकी थी
जबकि पश्चिमी वर्धमान जिले में इसका क्षेत्रफल निर्धारित लक्ष्य से करीब 30 हजार हेक्टेयर आगे निकल गया है। पूर्वी वर्धमान जिले में इस बार धान के उत्पादन क्षेत्र का लक्ष्य 3.77 लाख हेक्टेयर निर्धारित किया गया है।
वर्धमान क्षेत्र को धान-चावल का सबसे प्रमुख उत्पादक क्षेत्र माना जाता है जबकि मेदिनीपुर भी प्रमुख उत्पादक इलाकों में शामिल है।
पश्चिमी मेदिनीपुर जिला में धान के रकबे का 92.97 प्रतिशत तथा पूर्वी मेदिनीपुर जिला में 89.12 प्रतिशत लक्ष्य हासिल हो चुका है।
इसके अलावा बंगाल के कई अन्य जिलों में भी धान की अच्छी खेती हुई है जिसमें पुरुलिया, दिनाजपुर, हुगली एवं चौबीस सरगना आदि शामिल है।