iGrain India - कोच्चि । प्रमुख उत्पादक इलाकों में मौसम की प्रतिकूल स्थिति से फसल को भारी नुकसान होने के कारण हरी (छोटी) इलायची के उत्पादन में चालू सीजन के दौरान 50 प्रतिशत तक की जबरदस्त गिरावट आने की आशंका व्यक्त की जा रही है
जिससे इसका बाजार भाव ऊंचा एवं तेज रहना चाहिए था मगर इसके विपरीत कीमतों में नरमी देखी जा रही है। केरल के सबसे प्रमुख उत्पादक जिले- इडुक्की में इलायची की फसल तहस-नहस हो जाने की सूचना मिल रही है।
उत्पादन में भारी गिरावट की संभावना को देखते हुए उत्पादकों को छोटी इलायची का दाम उछलकर नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाने की उम्मीद थी लेकिन मार्केट की चाल इसके विपरीत है।
छोटी इलायची का औसत मूल्य जून में 2568 रुपए प्रति किलो की ऊंचाई पर पहुंच गया था जो अगस्त के तीसरे सप्ताह तक घटकर 2100 रुपए प्रति किलो के आसपास रह गया।
इस बार नई फसल की तुड़ाई-तैयारी में देर हो गई। उत्पादकों को भय है कि सितम्बर में जब नई फसल की आवक शुरू होगी तब इलायची का भाव घटकर कुछ और नीचे आ सकता है।
पिछले सप्ताह आयोजित एक नीलामी में इलायची का औसत मूल्य 2102 रुपए प्रति किलो तथा उच्चतम भाव 2578 रुपए प्रति किलो दर्ज किया गया।
नीलामी के लिए कुल 52,343 किलो इलायची का ऑफर दिया गया जिसमें से 51,518 किलो की बिक्री हो गई। इससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि इलायची की लिवाली में खरीदारों की अच्छी दिलचस्पी बनी हुई है।
उत्पादकों के अनुसार मानसून पूर्व के सीजन में भयंकर सूखा पड़ने से इलायची की फसल काफी हद तक बर्बाद हो गई।
जून तक कीमतें में सकारात्मक रुख बना हुआ था और ऐसा लग रहा था कि जल्दी ही यह उछलकर 3500 रुपए प्रति किलो तक पहुंच जाएगा।
लेकिन कुछ ही दिनों के अंदर दाम घटकर नीचे आ गया। इसके फलस्वरूप कई उत्पादकों ने अपने पिछले स्टॉक की बिक्री की गति धीमी कर दी है।
समझा जाता है कि अभी नीलामी केन्द्रों में हल्की क्वालिटी के माल की आवक अधिक हो रही है। अच्छी क्वालिटी का माल अक्टूबर से आने शुरू हो सकता है।