पिछले तीन हफ्तों में काली मिर्च की कीमतों में ₹14 प्रति किलोग्राम की गिरावट आई है, जो आयात में वृद्धि और उच्च कैरी फॉरवर्ड स्टॉक की चिंताओं से प्रभावित है। आयातित काली मिर्च की गुणवत्ता संबंधी समस्याओं और प्रतिकूल मौसम के कारण मांग में कमी ने कीमतों पर और दबाव डाला है। बाजार सहभागियों को उम्मीद है कि आगामी त्यौहारी सीजन में मांग में फिर से वृद्धि होगी और कीमतें स्थिर होंगी।
मुख्य बातें
काली मिर्च की कीमतों में गिरावट: पिछले तीन हफ्तों में आयात में वृद्धि और अधिक कैरी फॉरवर्ड स्टॉक के कारण काली मिर्च की कीमतों में ₹14 प्रति किलोग्राम की गिरावट देखी गई है। कोच्चि टर्मिनल बाजार में मौजूदा कीमतें बिना गारबल्ड किस्म के लिए ₹646 प्रति किलोग्राम और गारबल्ड किस्म के लिए ₹666 प्रति किलोग्राम हैं।
श्रीलंका से आयात में वृद्धि: विशेष रूप से श्रीलंका से काली मिर्च के आयात में उल्लेखनीय वृद्धि भारतीय बाजार को प्रभावित कर रही है। जुलाई में कुल 5,085 टन आयात में से 4,400 टन श्रीलंका से आयातित हुआ, जिससे आयातित काली मिर्च से बाजार भर गया।
बाजार में घबराहट और बिकवाली का दबाव: बाजार में बिकवाली का दौर चल रहा है, क्योंकि आयातक कीमतों में और गिरावट के डर से अपने अधिक खरीदे गए स्टॉक को बेचने की कोशिश कर रहे हैं। यह घबराहट उच्च कैरी फॉरवर्ड स्टॉक और लिक्विडेट करने के दबाव की चिंताओं से बढ़ रही है, जिससे कीमतों में स्थिरता प्रभावित हो रही है।
आयातित काली मिर्च के साथ गुणवत्ता संबंधी मुद्दे: आयातित काली मिर्च के आने से गुणवत्ता संबंधी चिंताएं पैदा हुई हैं, जिसमें उच्च नमी सामग्री, कम थोक घनत्व और फफूंद की उपस्थिति जैसी समस्याएं शामिल हैं। इन गुणवत्ता संबंधी समस्याओं ने डीलरों को रियायती दरों पर बेचने के लिए मजबूर किया है, जिससे कीमतें और कम हो गई हैं।
देश के बाजारों में मांग की कमी: कई उपभोक्ता राज्यों में भारी बारिश सहित प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों के कारण अपेक्षित त्यौहारी सीजन की मांग अभी तक पूरी नहीं हुई है। इसके परिणामस्वरूप खरीदारी कम हुई है और कीमतों पर दबाव बढ़ा है।
मूल्य स्थिरीकरण की उम्मीद: मौजूदा बाजार चुनौतियों के बावजूद, आशा है कि आने वाले हफ्तों में काली मिर्च की कीमतें स्थिर हो सकती हैं। उत्तर भारतीय बाजारों में त्यौहारी सीजन की शुरुआत से मांग बढ़ने की उम्मीद है, जिससे संभावित रूप से कीमतों में सुधार को बढ़ावा मिलेगा।
निष्कर्ष
भारतीय काली मिर्च बाजार वर्तमान में विशेष रूप से श्रीलंका से आयात में वृद्धि और आयातित उत्पाद की गुणवत्ता संबंधी चिंताओं के संयोजन से दबाव में है। प्रतिकूल मौसम के कारण त्यौहारी सीजन की मांग में कमी के साथ-साथ इन कारकों के कारण कीमतों में उल्लेखनीय गिरावट आई है। हालांकि, उत्तर भारत में त्यौहारी सीजन की शुरुआत के साथ बाजार में कुछ स्थिरता आने की उम्मीद है, जिससे संभावित रूप से मांग बढ़ेगी और कीमतों के लिए आधार उपलब्ध होगा। हितधारक इन घटनाक्रमों पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं और आने वाले हफ्तों में सुधार की उम्मीद कर रहे हैं।