iGrain India - रियो डी जेनेरो । दक्षिण-अमरीका महाद्वीप में अवस्थित सोयाबीन के सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश- ब्राजील के अधिकांश राज्यों में मौसम अत्यन्त गर्म एवं शुष्क होने से विभिन्न फसलों की बिजाई तथा प्रगति पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है।
एक अग्रणी मौसम विशेषज्ञ के अनुसार जलवायु परिवर्तन से ब्राजील का कृषि क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हो सकता है और खासकर सोयाबीन तथा मक्का के सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य-माटो ग्रोसो पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ने की संभावना है।
ब्राजील में शुष्क एवं गर्म मौसम एवं बिजाई की धीमी गति को देखते हुए शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड (सीबोट) में सोयाबीन तथा मक्का का वायदा भाव तेज होने लगा है।
मालूम हो कि ब्राजील दुनिया में मक्का का दूसरा सबसे प्रमुख निर्यातक तथा अमरीका एवं चीन के बाद तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है।
माटो ग्रोसो ब्राजील का सबसे प्रमुख कृषि उत्पादक राज्य है जहां देश के 29 प्रतिशत सोयाबीन एवं 33 प्रतिशत मक्का का वार्षिक उत्पादन होता है। हालांकि पहले माटो ग्रोसो राज्य में मौसम एवं वर्षा की हालत काफी हद तक अनुकूल रहती थी मगर पिछले कुछ वर्षों से वहां गर्मी एवं सूखे का प्रकोप बढ़ रहा है।
इसका एक कारण जंगलों का तेजी से सफाया होना माना जा रहा है। वहां किसान जंगलों को साफ करके कृषि योग्य भूमि एवं चरागाहों का निर्माण कर रहे हैं।
ब्राजील में सोयाबीन एवं मक्का की बिजाई का सीजन आरंभ हो चुका है मगर मौसम अनुकूल नहीं होने से फिलहाल बिजाई की गति धीमी चल रही है।
ला नीना मौसम चक्र के प्रभाव से देश के कुछ भागों में इस बार सूखा पड़ने तथा अन्य इलाकों में भारी वर्षा एवं बाढ़ का प्रकोप रहने की संभावना है। पिछले कुछ वर्षों से माटो ग्रोसो में सितम्बर-अक्टूबर के दौरान बारिश घटती जा रही है।