iGrain India - इंदौर । सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) का कहना है कि 2023-24 के मार्केटिंग सीजन के आरंभ में करीब 24 लाख टन सोयाबीन का बकाया अधिशेष स्टॉक मौजूद या मगर 2024-25 सीजन की शुरुआत में यह 50 प्रतिशत से अधिक घटकर 11.16 लाख टन के करीब रह जाने की संभावना है।
हालांकि पिछले साल की तुलना में चालू खरीफ सीजन के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर सोयाबीन का उत्पादन क्षेत्र 123.85 लाख हेक्टेयर बढ़कर 125.11 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है
और आमतौर पर फसल की हालत भी संतोषजनक बताई जा रही है मगर कुछ इलाकों में प्राकृतिक आपदाओं से उसे नुकसान पहुंचने की आशंका है।
सोयाबीन के नए माल की छिटपुट आवक शीघ्र ही आरंभ होने की संभावना है। कहीं-कहीं इसकी शुरुआत हो चुकी है। सरकार ने सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2023-24 के मार्केटिंग सीजन के लिए 4600 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया था जिसे 2024-25 के सीजन के लिए 292 रुपए या 6.3 प्रतिशत बढ़ाकर 4892 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है।
लेकिन इसके मुकाबले थोक मंडी भाव काफी नीचे चल रहा है। इसे देखते हुए सरकार ने मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं तेलंगाना जैसे राज्यों में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 40 प्रतिशत तक सोयाबीन खरीदने की अनुमति प्रदान की है।
अगले महीने से मंडियों में सोयाबीन की भारी आवक शुरू होने वाली है। बाढ़-वर्षा के कारण आरंभिक आवक वाले माल में नमी का अंश ऊंचा रहने की संभावना है जिससे इसकी सरकारी खरीद प्रभावित हो सकती है।
सरकार ने किसानों को तिलहनों की ऊंची वापसी सुनिश्चित करने के लिए हाल ही में खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में 20 प्रतिशत का इजाफा कर दिया है।