iGrain India - वैंकुवर । कनाडा के सबसे व्यस्त बंदरगाहों में से एक वैंकुवर पर ग्रेन वर्कर्स यूनियन की हड़ताल से उत्पादकों एवं निर्यातकों को भारी कठिनाई हो रही थी और इसे जल्दी से जल्दी खत्म करवाने के लिए भारी दबाव डाला जा रहा था।
अंततः वैंकुवर टर्मिनल एलिवेटर्स एसोसिएशन और ग्रेन वर्कर्स यूनियन के बीच एक अस्थायी समझौता हो गया जिससे कनाडा में उत्पादित कृषि जिंसों और खासकर गेहूं, मटर, मसूर तथा कैनोला आदि के निर्यात शिपमेंट का रास्ता साफ हो जाने की उम्मीद है।
कनाडा के श्रम मंत्री ने कहा है कि वैंकुवर बंदरगाह के छह ग्रेन टर्मिनल पर श्रमिकों के साथ एक आरंभिक करार हुआ है जिससे उसकी हड़ताल समाप्त हो जाएगी।
मालूम हो कि कनाडा दुनिया में कैनोला तथा मसूर का सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश है जबकि गेहूं के निर्यात में तीसरे नंबर पर है।
श्रम मंत्री के अनुसार बातचीत के दौरान दोनों पक्षों ने लचीला रुख अपनाया और इसकी अध्यक्षता कर रहे हैं केन्द्र सरकार के प्रतिनिधि ने ग्रेन वर्कर्स यूनियन लोकल 333 तथा वैंकुवर टर्मिनल एलिवेटर्स एसोसिएशन को अपनी जिद छोड़ने तथा समाधान का उपाय तलाशने का सुझाव दिया।
लम्बे विचार-विमर्श के बाद दोनों पक्षों में तात्कालिक सहमति बन गई। समझा जाता है कि यूनियन ने अपनी हड़ताल समाप्त करने का आश्वासन दिया तो एसोसिएशन ने उसकी कुछ मांगों को स्वीकार कर लिया। शेष मांगों पर आगामी समय में विचार-विमर्श किया जाएगा।
कनाडा में कृषि फसलों की कटाई-तैयारी अभी जारी है और इसके निर्यात का पीक सीजन भी शुरू हो गया है। ऐसी हालत में वहां वैंकुवर जैसे महत्वपूर्ण बंदरगाह पर श्रमिकों की हड़ताल से इसके निर्यात पर जबरदस्त आघात लगने की आशंका उत्पन्न हो गई थी।