iGrain India - क्रशिंग इकाइयों की सीमित मांग से सरसों के दाम में गिरावट नई दिल्ली । सरसों की कीमतों में 24-30 अक्टूबर वाले सप्ताह के दौरान आमतौर पर 100-200 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई। समझा जाता है कि सरसों तेल की त्यौहारी मांग के पूरा होने के बाद क्रशिंग इकाइयों द्वारा ऊंचे दाम पर सरसों की खरीद में कम दिलचस्पी दिखाई गई। सरसों की आवक सामान्य रही। 42% कंडीशन सरसों 42 प्रतिशत कंडीशन वाली सरसों का भाव दिल्ली में 100 रुपए घटकर 6400 रुपए प्रति क्विंटल तथा जयपुर में 75 रुपए गिरकर 6600-6625 रुपए प्रति क्विंटल ह गया। गुजरात में सामान्य सरसों का दाम स्थिर रहा। हरियाणा हरियाणा की मंडियों में भारी उतार-चढ़ाव देखा गया। वहां इस महत्वपूर्ण तिलहन का भाव बरवाला में 300 रुपए तथा सिरसा में 450 रुपए तेज हुआ मगर हिसार में 100 रुपए एवं चरखी-दादरी में 500 रुपए नीचे लुढ़क गया। मध्य प्रदेश में भी सरसों की कीमत मुरैना तथा पोरसा में 125 रुपए तथा ग्वालियर में 100 रुपए नरम रही। उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश के हापुड़ में सरसों का दाम 50 रुपए फिसलकर 6700 रुपए प्रति क्विंटल तथा आगरा में 150 रुपए घटकर 6800/7275 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया। राजस्थान सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त- राजस्थान में कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा गया। वहां सरसों का भाव भरतपुर में 164 रुपए, अलवर में 150 रुपए तथा खैरथल में 100 रुपए नरम रहा जबकि गंगानगर में 50 रुपए, बूंदी में 200 रुपए तथा बीकानेर में 100 रुपए की तेजी रही। राजस्थान में सरसों की बिजाई गत वर्ष से पीछे चल रही है। अक्टूबर 2024 के अंत तक राज्य में सरसों का उत्पादन क्षेत्र 18.75 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा जो गत वर्ष से 3.25 लाख हेक्टेयर कम था। सरसों तेल सरसों की भांति इसके तेल में भी नरमी रही। भरतपुर में इसका दाम 6 रुपए प्रति किलो घट गया जबकि मुरैना में 3 रुपए प्रति किलो की गिरावट आई। दिल्ली सहित कई अन्य मार्केट में भी सरसों तेल की कीमत 1-2 रुपए प्रति किलो नरम रही। राष्ट्रीय स्तर पर सरसों की आवक पहले 2.25-2.75 लाख बोरी की हो रही थी जो 30 अक्टूबर को 1.25 लाख बोरी रह गई। सरसों खल के दाम में भी 200 से 500 रुपए तक की गिरावट दर्ज की गई।