iGrain India - नई दिल्ली । पूर्वी पड़ोसी देश- बांग्ला देश में आंतरिक कलह एवं अराजकता से भारत के वस्त्र उद्योग एवं निर्यातकों को सीधा फायदा मिल रहा है क्योंकि जो आयातक पहले बांग्ला देश से कपड़ा एवं अन्य गारमेंट्स खरीदते थे वे अब भारत से इसकी खरीद करने लगे हैं।
पिछले साल की तुलना में चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितम्बर 2024) के दौरान भारत से वस्त्र निर्यात में 8.5 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई जबकि गत वर्ष इसमें 15 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। सिर्फ सितम्बर में ही वस्त्र निर्यात 17.3 प्रतिशत बढ़ गया।
बांग्ला देश परम्परागत रूप से वस्त्रों के अंतर्राष्ट्रीय निर्यात बाजार में भारत का प्रमुख प्रतिद्वंदी रहा है इसलिए जब वहां अशांति एवं अराजकता का माहौल बना तो इसका उत्पादन एवं निर्यात प्रभावित होने लगा।
इससे भारतीय निर्यातकों को कम चुनौती का सामना करना पड़ा। अमरीका बांग्ला देशी वस्त्रों का सबसे प्रमुख खरीदार है। बांग्ला देश से जनवरी-जून 2025 की छमाही में वस्त्रों के निर्यात से होने वाली आय 3.82 अर्ब डॉलर पर पहुंची थी जो चालू वर्ष की समान अवधि में 11 प्रतिशत घटकर 3.40 अरब डॉलर पर अटक गई।
लेकिन वस्त्रों का निर्यात बढ़ने के बावजूद भारत में कपास के दाम में तेजी का माहौल नहीं देखा जा रहा है जबकि इसके क्षेत्रफल में 14 लाख हेक्टेयर की जोरदार गिरावट आई है और उत्पादन घटने की संभावना है। बांग्ला देश में भारतीय रूई का निर्यात कम हुआ है।