iGrain India - हैदराबाद । भारत सरकार द्वारा सामान्य श्रेणी के चावल के निर्यात को नियंत्रण मुक्त तथा शुल्क मुक्त किए जाने के बाद वैश्विक बाजार में इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न की कीमतों पर दबाव बढ़ने लगा है।
इसके अलावा भारत, पाकिस्तान एवं म्यांमार जैसे देशों में नए चावल की आवक शुरू होने से वैश्विक बाजार में इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ती जा रही है जिससे कीमतों में नरमी का माहौल आगे भी बरकरार रहने की संभावना है। पिछले एक पखवाड़े के दौरान अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चावल का भाव 10 प्रतिशत नीचे आया है।
एक अग्रणी निर्यातक के अनुसार डॉलर की मजबूती से आयातकों को चावल की खरीद करने में आसानी हो रही है और निर्यातकों को अपने उत्पाद का दाम स्थिर रखने में सहायता मिल रही है।
भारत से चावल का निर्यात पूरी तरह खुल गया है। विदेशी आयातकों के लिए यह एक वरदान जैसा है जो पहले ऊंचे बाजार भाव से काफी चिंतित और परेशान थे।
पिछले साल थाईलैंड के 5 प्रतिशत टूटे सफेद चावल का निर्यात ऑफर मूल्य घटकर 507 डॉलर प्रति टन पर आ गया जो 16 अक्टूबर को 529 डॉलर प्रति टन चल रहा था।
हालांकि वियतनामी चावल का ऑफर मूल्य 537-541 डॉलर प्रति टन के पिछले स्तर पर ही बरकरार रहा लेकिन शीघ्र ही इसमें कटौती होने की संभावना है अन्यथा यह चावल विदेशी खरीदारों के लिए आकर्षक नहीं रहेगा।
पाकिस्तान के चावल का ऑफर मूल्य भी एक पखवाड़ा पूर्व के 481-485 डॉलर प्रति टन से घटकर 463-467 डॉलर प्रति टन पर आया और इसी तरह भारत के 5 प्रतिशत टूटे सफेद चावल का निर्यात ऑफर मूल्य समान अवधि में 488-492 डॉलर से गिरकर 444-448 डॉलर प्रति टन रह गया। इस तरह भारतीय चावल सबसे सस्ते दाम पर उपलब्ध है।
जहां तक 25 प्रतिशत टूट के अंश वाले चावल का सवाल है तो भारत का ऑफर मूल्य 434-438 डॉलर प्रति टन पर आ गया है जो मध्य अक्टूबर में 491-495 डॉलर प्रति टन पर था।
इसी तरह पाकिस्तानी चावल का भाव 440-444 डॉलर से घटकर 424-428 डॉलर प्रति टन रह गया है जो भारतीय चावल से भी सस्ता है।
इस चावल का निर्यात ऑफर मूल्य थाईलैंड में 508 डॉलर प्रति टन से घटकर 491 डॉलर प्रति टन तथा वियतनाम में 509-513 डॉलर से गिरकर 497-502 डॉलर प्रति टन पर आ गया है। निकट भविष्य में इससे तेजी की संभावना बहुत कम है।