iGrain India - मंडियों में सीमित आपूर्ति एवं मिलर्स की मजबूत मांग से गेहूं में भारी उछाल नई दिल्ली। आपूर्ति का ऑफ या लीन सीजन होने से प्रमुख मंडियों में गेहूं की कम आपूर्ति हो रही है जबकि मिलर्स / प्रोसेसर्स की मांग मजबूत बनी हुई है। बिक्री सरकारी एजेंसी-भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा खुले बाजार बिक्री योजना के अंतर्गत प्रत्येक सप्ताह मिलर्स- प्रोसेसर्स को लगभग एक लाख टन गेहूं बेचा जा रहा है मगर यह मात्रा उसकी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है इसलिए इसे मंडियों से भारी खरीद करने की आवश्यकता पड़ रही है। दिल्ली 28 दिसम्बर से 3 जनवरी वाले सप्ताह के दौरान दिल्ली में यूपी / राजस्थान के गेहूं का भाव 120 रुपए की तेजी के साथ 3250 रुपए प्रति क्विंटल की ऊंचाई पर पहुंच गया जो 2023-24 सीजन के लिए नियत न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 रुपए प्रति क्विंटल से लगभग 1000 रुपए ज्यादा है। देश की अन्य मंडियों में भी गेहूं का दाम सरकारी समर्थन मूल्य से ऊंचा चल रहा है। भाव समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान गेहूं का भाव गुजरात के राजकोट में 50 रुपए, मध्य प्रदेश के इंदौर में 90 रुपए, डबरा में 40 रुपए, खंडवा में 50 रुपए गिरकर 2925/3200 रुपए प्रति क्विंटल तथा बूंदी में 140 रुपए उछलकर 2950/3040 रुपए प्रति क्विंटल हो गया। उत्तर प्रदेश की अधिकांश मंडियों में गेहूं के दाम में तेजी दर्ज की गई। वहां इसका मूल्य एटा में 105 रुपए, मैनपुरी में 100 रुपए तथा गोंडा में 90 रुपए प्रति क्विंटल ऊंचा हो गया जबकि अन्य मंडियों में 20 से 60 रुपए तक की वृद्धि हुई। इसी तरह महाराष्ट्र के जालना में भी गेहूं का दाम 100 रुपए बढ़कर 2850/3200 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया। बिजाई क्षेत्र रबी सीजन के सबसे प्रमुख खाद्यान्न- गेहूं का बिजाई क्षेत्र गत वर्ष के साथ-साथ सामान्य औसत क्षेत्रफल से भी ऊपर पहुंच गया है मगर मौसम एवं कीड़ों-रोगों से खासकर पंजाब में फसल को खतरा बना हुआ है। स्टॉक सरकार के पास गेहूं का पर्याप्त अधिशेष स्टॉक मौजूद नहीं है जबकि बड़े-बड़े उत्पादकों एवं स्टॉकिस्टों के पास भी इसका सीमित स्टॉक मौजूद है। कुछ राज्यों में मार्च के दूसरे-तीसरे सप्ताह से गेहूं की नई फसल की छिटपुट कटाई-तैयारी शुरू होने की संभावना है।