iGrain India - काठमांडू । हालांकि भारत सरकार ने एक कोटा प्रणाली के अंतर्गत नेपाल को 2 लाख टन गेहूं के निर्यात की अनुमति प्रदान की है लेकिन व्यापारियों / आयातकों का कहना है कि भारत सरकार ने कोटा घोषित करने में काफी देर कर दी क्योंकि जल्दी ही नेपाल में गेहूं की नई फसल की कटाई-तैयारी आरंभ होने वाली है जिससे इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ जाएगी।
उल्लेखनीय है कि भारत के विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा पिछले सप्ताह नेपाल के लिए 2 लाख टन गेहूं का निर्यात कोटा नियत करने वाली अधिसूचना जारी की गई थी।
इस अधिसूचना के अनुसार नेपाल को निर्यात कोटा की सुविधा प्रदान की गई है और उसे नेशनल को ऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड ऑफ इंडिया के माध्यम से इस गेहूं का निर्यात किया जाएगा।
ध्यान देने की बात है कि भारतीय गेहूं के व्यापारिक निर्यात पर मई 2022 से ही प्रतिबंध लगा हुआ है लेकिन सरकारी स्तर पर निर्यात के लिए कोई पाबंदी नहीं है।
प्रतिबंध लागू होने के बाद से नेपाल के आयातकों को कोटा सिस्टम के तहत 50 हजार टन गेहूं का पहला लॉट अब तक प्राप्त हो चुका है।
हालांकि बाद में भारत सरकार ने दूसरे लॉट में 2 लाख टन गेहूं का कोटा जारी किया मगर नेपाल के व्यापारियों द्वारा इसकी सम्पूर्ण मात्रा की खरीद नहीं की गई। अब नेपाल के लिए गेहूं के निर्यात कोटे का तीसरा लॉट घोषित किया गया है।
नेपाल के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना था कि पिछले अनुभवों को देखते हुए भारत सरकार से इस बार 2 लाख टन गेहूं का कोटा नियत करने का आग्रह किया गया था।
धान और मक्का के बाद गेहूं नेपाल का तीसरा सबसे सामान्य अनाज माना जाता है। उधर व्यापारियों ने कहा है कि फ्लोर मिलों की जोरदार मांग के आधार पर छह माह पूर्व ही वाणिज्य मंत्रालय से आग्रह किया गया था
कि वह भारत सरकार से यथाशीघ्र 3 लाख टन गेहूं का निर्यात कोटा नियत करने का अनुरोध करे। लेकिन एक तो कोटा 2 लाख टन का ही घोषित हुआ और दूसरे, इसकी घोषणा करने में भी काफी देर हो गई।