iGrain India - मुम्बई । उद्योग- व्यापार समीक्षकों का कहना है कि निर्यातक देशों में भाव लुढ़कने से भारत में जून 2023 के दौरान खासकर पाम तेल एवं सोयाबीन तेल के आयात में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई।
मई की तुलना में जून के दौरान पाम तेल का आयात करीब 49 प्रतिशत उछलकर पिछले तीन माह के उच्च स्तर पर पहुंच गया क्योंकि इसका वैश्विक बाजार भाव घटकर पिछले 28 महीनों के निचले स्तर पर आने से भारतीय आयातकों ने भारी मात्रा में इसकी खरीद की थी।
समीक्षकों के मुताबिक भारत में मई माह के दौरान 4,39,173 टन पाम तेल का आयात हुआ था जबकि जून में इसके उछलकर 6.55 लाख टन पर पहुंच जाने का अनुमान है।
उल्लेखनीय है कि मई 2023 में पाम तेल का आयात फरवरी 2021 के बाद सबसे कम हुआ था। इसका कारण यह था कि सोयाबीन तेल तथा सूरजमुखी तेल के मुकाबले पाम तेल का भाव कुछ ऊंचा हो गया था।
लेकिन मई में आयात घटने तथा निर्यातक देशों में भाव गिरने से भारतीय आयातकों को जून शिपमेंट के लिए इसकी खरीद बढ़ाने का अवसर मिल गया।
जहां तक सोयाबीन तेल का सवाल है तो मई की तुलना में जून के दौरान इसका आयात करीब 35 प्रतिशत उछलकर 4.32 लाख टन पर पहुंच जाने का अनुमान लगाया गया है। पिछले कुछ महीनों के दौरान पाम तेल की तुलना में सोयाबीन तेल का भाव ज्यादा ऊंचा नही रहा है जिससे इसके आयात को प्रोत्साहन मिल रहा है।
दूसरी ओर सूरजमुखी तेल का आयात मई के मुकाबले जून में 36 प्रतिशत घटकर 1.90 लाख टन पर सिमटने का अनुमान लगाया गया है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी) द्वारा मध्य जुलाई में एक रिपोर्ट जारी की जाएगी जिसमें जून माह के दौरान विभिन्न खाद्य तेलों के आयात का विस्तृत विवरण शामिल होगा। बताते चलें कि भारत खाद्य तेलों का सबसे बड़ा आयातक देश है।
वहां इंडोनेशिया, मलेशिया एवं थाईलैंड से पाम तेल, अर्जेन्टीना, ब्राजील एवं अमरीका से सोयाबीन तेल तथा यूक्रेन, रूस एवं अर्जेंटीना से सूरजमुखी तेल की विशाल मात्रा का आयात किया जाता है।
सरकार ने घरेलू प्रभाग में खाद्य तेलों की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने तथा कीमतों को निचले स्तर पर बरकरार रखने के लिए हाल के महीनों में अनेक कदम उठाए हैं जिसका सकारात्मक असर पड़ने लगा है।
सभी खाद्य तेलों के दाम अपने शीर्ष स्तर की तुलना में लुढ़ककर काफी नीचे आ गए हैं। खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में भारी कटौती पहले ही की जा चुकी है।