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कर्नाटक में खरीफ फसलों की बिजाई गत वर्ष से करीब 50 प्रतिशत पीछे

प्रकाशित 04/07/2023, 08:24 pm
अपडेटेड 04/07/2023, 08:45 pm
कर्नाटक में खरीफ फसलों की बिजाई गत वर्ष से करीब 50 प्रतिशत पीछे
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iGrain India - बंगलुरु । दक्षिण भारत के एक महत्वपूर्ण कृषि उत्पादक राज्य-कर्नाटक में जून माह के दौरान मानसून के कमजोर रहने से खरीफ फसलों की बिजाई बुरी तरह प्रभावित हुई।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार चालू वर्ष के दौरान 1 जुलाई 2023 तक कर्नाटक में खरीफ फसलों का कुल रकबा 18.60 लाख हेक्टेयर पर ही पहुंच सका जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 36.46 लाख हेक्टेयर से 17.86 लाख हेक्टेयर या करीब 50 प्रतिशत कम है।

बारिश की भारी कमी के कारण वहां किसानों को अपने खेतों को तैयार करने में भारी असुविधा हुई। 

राज्य कृषि विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि वर्ष 2022 की तुलना में 2023 के खरीफ सीजन के दौरान कर्नाटक में सभी प्रमुख फसलों के बिजाई क्षेत्र में गिरावट आ गई।

इसके तहत अनाजी फसलों के संवर्ग में धान का उत्पादन क्षेत्र 92 हजार हेक्टेयर से गिरकर 51 हजार हेक्टेयर, ज्वार का 40 हजार हेक्टेयर से फिसलकर 20 हजार हेक्टेयर, मक्का का 8.85 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 4.21 लाख हेक्टेयर तथा बाजरा का क्षेत्रफल 91 हजार हेक्टेयर से घटकर 26 हजार हेक्टेयर पर सिमट गया। कर्नाटक मक्का का एक महत्वपूर्ण उत्पादक राज्य है।

दलहन फसलों के संवर्ग में समीक्षाधीन अवधि के दौरान कर्नाटक में अरहर (तुवर) का उत्पादन क्षेत्र 5.15 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 2.21 लाख हेक्टेयर, उड़द का क्षेत्रफल 58 हजार हेक्टेयर से फिसलकर 28 हजार हेक्टेयर तथा मूंग का बिजाई क्षेत्र 3.37 लाख हेक्टेयर से घटकर 96 हजार हेक्टेयर रह गया। मालूम हो कि कर्नाटक देश में तुवर का सबसे प्रमुख एवं मूंग का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य माना जाता है।

इसी तरह तिलहन फसलों में मूंगफली का उत्पादन क्षेत्र 2022 के 1.13 लाख हेक्टेयर से घटकर इस बार 34 हजार हेक्टेयर, तिल का 15 हजार हेक्टेयर से फिसलकर 8 हजार हेक्टेयर, सूरजमुखी का 1.09 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 30 हजार हेक्टेयर तथा सोयाबीन का बिजाई क्षेत्र 3.38 लाख हेक्टेयर से गिरकर 1.35 लाख हेक्टेयर पर आ गया। सूरजमुखी के उत्पादन में कर्नाटक देश का अग्रणी राज्य माना जाता है।

इसके अलावा नकदी या औद्योगिक फसलों के तहत कर्नाटक में कपास का उत्पादन क्षेत्र 3.42 लाख हेक्टेयर से घटकर 1.57 लाख हेक्टेयर तथा गन्ना का क्षेत्रफल 5.50 लाख हेक्टेयर से गिरकर 4.90 लाख हेक्टेयर रह गया।

कर्नाटक गन्ना एवं चीनी के उत्पादन में देश में तीसरे नम्बर पर रहता है। राज्य में कुछ अन्य फसलों की खेती भी हुई है।

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