40% की छूट पाएं
🔥 हमारी एआई-चयनित स्टॉक स्ट्रेटेजी, टेक टाइटन्स, मई में अब तक +7.1% ऊपर है। स्टॉक्स में तेज़ी होने पर लाभ उठाएं।40% की छूट क्लेम करें

कर्नाटक में खरीफ फसलों की बिजाई गत वर्ष से करीब 50 प्रतिशत पीछे

प्रकाशित 04/07/2023, 08:24 pm
अपडेटेड 04/07/2023, 08:45 pm
कर्नाटक में खरीफ फसलों की बिजाई गत वर्ष से करीब 50 प्रतिशत पीछे
CT
-
ZS
-
NMZFc1
-

iGrain India - बंगलुरु । दक्षिण भारत के एक महत्वपूर्ण कृषि उत्पादक राज्य-कर्नाटक में जून माह के दौरान मानसून के कमजोर रहने से खरीफ फसलों की बिजाई बुरी तरह प्रभावित हुई।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार चालू वर्ष के दौरान 1 जुलाई 2023 तक कर्नाटक में खरीफ फसलों का कुल रकबा 18.60 लाख हेक्टेयर पर ही पहुंच सका जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 36.46 लाख हेक्टेयर से 17.86 लाख हेक्टेयर या करीब 50 प्रतिशत कम है।

बारिश की भारी कमी के कारण वहां किसानों को अपने खेतों को तैयार करने में भारी असुविधा हुई। 

राज्य कृषि विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि वर्ष 2022 की तुलना में 2023 के खरीफ सीजन के दौरान कर्नाटक में सभी प्रमुख फसलों के बिजाई क्षेत्र में गिरावट आ गई।

इसके तहत अनाजी फसलों के संवर्ग में धान का उत्पादन क्षेत्र 92 हजार हेक्टेयर से गिरकर 51 हजार हेक्टेयर, ज्वार का 40 हजार हेक्टेयर से फिसलकर 20 हजार हेक्टेयर, मक्का का 8.85 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 4.21 लाख हेक्टेयर तथा बाजरा का क्षेत्रफल 91 हजार हेक्टेयर से घटकर 26 हजार हेक्टेयर पर सिमट गया। कर्नाटक मक्का का एक महत्वपूर्ण उत्पादक राज्य है।

दलहन फसलों के संवर्ग में समीक्षाधीन अवधि के दौरान कर्नाटक में अरहर (तुवर) का उत्पादन क्षेत्र 5.15 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 2.21 लाख हेक्टेयर, उड़द का क्षेत्रफल 58 हजार हेक्टेयर से फिसलकर 28 हजार हेक्टेयर तथा मूंग का बिजाई क्षेत्र 3.37 लाख हेक्टेयर से घटकर 96 हजार हेक्टेयर रह गया। मालूम हो कि कर्नाटक देश में तुवर का सबसे प्रमुख एवं मूंग का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य माना जाता है।

इसी तरह तिलहन फसलों में मूंगफली का उत्पादन क्षेत्र 2022 के 1.13 लाख हेक्टेयर से घटकर इस बार 34 हजार हेक्टेयर, तिल का 15 हजार हेक्टेयर से फिसलकर 8 हजार हेक्टेयर, सूरजमुखी का 1.09 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 30 हजार हेक्टेयर तथा सोयाबीन का बिजाई क्षेत्र 3.38 लाख हेक्टेयर से गिरकर 1.35 लाख हेक्टेयर पर आ गया। सूरजमुखी के उत्पादन में कर्नाटक देश का अग्रणी राज्य माना जाता है।

इसके अलावा नकदी या औद्योगिक फसलों के तहत कर्नाटक में कपास का उत्पादन क्षेत्र 3.42 लाख हेक्टेयर से घटकर 1.57 लाख हेक्टेयर तथा गन्ना का क्षेत्रफल 5.50 लाख हेक्टेयर से गिरकर 4.90 लाख हेक्टेयर रह गया।

कर्नाटक गन्ना एवं चीनी के उत्पादन में देश में तीसरे नम्बर पर रहता है। राज्य में कुछ अन्य फसलों की खेती भी हुई है।

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2024 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित