iGrain India - तिरुअनन्तपुरम । पश्चिमी तट के कई भागों में जोरदार वर्षा जारी है जबकि इसका सिलसिला एक-दो दिन तक बरकरार रहने की उम्मीद है। दरअसल दक्षिण-पश्चिम मानसून की सक्रियता को कायम रखने के लिए अधिकांश परिस्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं जिससे देश के कई भागों में कहीं सामान्य तो कहीं भारी हो रही है।
समझा जाता है कि 8 जुलाई से पश्चिमी विक्षोभ भी मानसून के सहयोग में आ जाएगा। दोनों के एक साथ मिलने से देश के पश्चिमोत्तर क्षेत्र तथा पूर्वी राज्यों में जोरदार बारिश हो सकती है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार अगले पांच दिनों के अंदर पश्चिमोत्तर भारत में दूर-दूर तक भारी वर्षा हो सकती है जबकि कहीं-कहीं अत्यन्त मूसलाधार वर्षा होने की संभावना है।
मानसूनी हवा के साथ पश्चिमी विक्षोभ के मिलने के बाद शुरूआती चरण में जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब तथा चंडीगढ़ में भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है।
एक सीजनल ट्रफ पश्चिमोत्तर भारत के ऊपर से पूर्वी भारत की तरफ बढ़ रहा है जो अपनी सामान्य दिशा से कुछ दक्षिण खिसक गया है। इससे सक्रिय मानसून कि स्थिति का साफ संकेत मिलता है।
दक्षिण भारत के ऊपर स्थिति अनुकूल है और तटवर्ती ट्रफ दक्षिणी गुजरात से उत्तरी केरल की ओर प्रवहमान है। बंगाल की खाड़ी के उत्तरी एवं उससे सटे मध्यवर्ती भाग के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन अटका हुआ है जो आंध्र प्रदेश तट से फिसलकर वहां पहुंचा है।
केरल में पहले ही जोरदार बारिश से तीन लोगों की मौत हो चुकी है जबकि मौसम विभाग ने वहां 12 जिलों में और अधिक वर्षा होने की संभावना व्यक्त की है। मालूम हो कि केरल में छोटी इलायची फसल की तुड़ाई-तैयारी का सीजन चल रहा है।
इसके अलावा पश्चिमी तट पर कोंकण एवं गोवा, मध्य महाराष्ट्र के घाट क्षेत्र तथा गुजरात में अगले पांच दिनों के दौरान भारी वर्षा होने का अनुमान लगाया गया है।
सौराष्ट्र एवं कच्छ संभाग में 7-8 जुलाई को मुसलाधार बारिश हो सकती है। इसी अवधि के दौरान पश्चिम बंगाल की पहाड़ियों सिक्किम, उड़ीसा तथा बिहार में भारी वर्षा होने की संभावना है।
इसके साथ-साथ पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों में भी बारिश हो सकती है। मध्यवर्ती भारत को मानसून का इंतजार करना पड़ेगा।