iGrain India - चेन्नई । चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान देश में एक लाख टन से कुल अधिक उड़द का आयात होने का अनुमान है। दरअसल घरेलू बाजार में आपूर्ति एवं उपलब्धता की कमी तथा ऊंची कीमत के कारण उड़द का आयात बढ़ रहा है।
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार अप्रैल- जून 2023 के दौरान करीब 1.01 लाख टन उड़द का आयात हुआ जो पिछले साल की समान अवधि के आयात 76 हजार टन से करीब 25 हजार टन ज्यादा है।
पिछले साल की तुलना में यद्यपि अप्रैल में आयात इस बार 39 हजार टन से घटकर 25 हजार टन रह गया मगर मई में यह 25 हजार टन से बढ़कर 32 हजार टन पर पहुंच गया। इसी तरह जून में उड़द के आयात का गत वर्ष के 13 हजार टन से उछलकर 44 हजार टन पर पहुंचने का अनुमान है।
उड़द का आयात मुख्यत: म्यांमार से होता है और वहां से इसका नियमित शिपमेंट जारी है। इससे पूर्व अप्रैल- जून 2021 की तिमाही में करीब 78 हजार टन उड़द का आयात किया गया था।
वित्त वर्ष 2022-23 की सम्पूर्ण अवधि (अप्रैल-मार्च) के दौरान देश में कुल मिलाकर करीब 5.25 लाख टन उड़द का आयात हुआ था। इसके तहत अप्रैल 2022 में 39 हजार टन, मई में 25 हजार टन, जून में 13 हजार टन, जुलाई में 23 हजार टन, अगस्त में 25 हजार टन, सितम्बर में 48 हजार टन, अक्टूबर में 46 हजार टन, नवम्बर में 67 हजार टन, दिसम्बर में 98 हजार टन,
जनवरी 2023 में 64 हजार टन, फरवरी में 47 हजार टन तथा मार्च 2023 में 31 हजार टन उड़द का आयात किया गया। भारत में खरीफ कालीन उड़द की बिजाई अभी जारी है।
दिलचस्प तथ्य यह है कि जब इसकी नई फसल की कटाई-तैयारी हो रही होती है तभी इसका विशाल आयात भी होता है क्योंकि उसी समय म्यांमार में इसका भारी-भरकम स्टॉक मौजूद रहता है।
देश में वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान करीब 6.12 लाख टन तथा 2020-21 में 3.45 लाख टन उड़द का आयात हुआ था जबकि वित्त वर्ष 2019-20 में इसकी मात्रा 3.12 लाख टन दर्ज की गई थी।