iGrain India - वैंकुवर । कनाडा के पश्चिमी तट पर अवस्थित दो बंदरगाहों- वैंकुवर एवं प्रिंस रुपर्ट पर 1 जुलाई से ही लगभग 7500 सदस्यों वाले इंटरनेशनल सौंगशोर एंड वेयरहाउस यूनियन की स्थानीय शाखा द्वारा हड़ताल की जा रही है।
इससे बल्क रूप में कृषि उत्पादों का निर्यात तो प्रभावित नहीं हो रहा है लेकिन कंटेनरों में होने वाले शिपमेंट पर जरूर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
कनाडा लेबर कोड के क्लॉज 87.7 में कहा गया है कि लौंगशोर श्रमिकों को कुछ खास हालातों में अपनी सेवा अवश्य देनी होगी। इसके तहत अनुबंध, प्रस्थान एवं लाइसेंस युक्त टर्मिनल तथा ट्रांसफर एलिवेटर्स पर ग्रेन वैसल्स में लोडिंग आदि शामिल है।
बंदरगाह पर आने-वाले जहाजों के आवागमन को सुनिश्चित करना भी आवश्यक होगा। लेकिन इस क्लोज में कंटेनर सुविधा वाले क्षेत्र में कंटेनरों के आवागमन के बारे में कुछ नहीं कहा गया है इसलिए वहां यूनियन के श्रमिकों की सेवा स्थगित हो गई है।
यही कारण है कि यूनियन की हड़ताल पर अधिकांश संघ एवं संगठन चुप्पी साधे हुए है जिसमें ग्रेन ग्रोअर्स ऑफ कनाडा, कनाडियन फेडरेशन ऑफ़ एग्रीकल्चर तथा व्हीट ग्रोअर्स एसोसिएशन जैसी संस्थाएं भी शामिल हैं।
लेकिन जिन संघों- संगठनों के सदस्य कंटेनरों में निर्यात पर आश्रित हैं उन्हें इस हड़ताल से कठिनाई हो रही है और वे इसे समाप्त करवाने के लिए दबाव डाल रहे हैं।
इसके लिए परिवहन मंत्री से आग्रह किया गया है कि कंटेनरों में कृषि उत्पादों के आयात-निर्यात के लिए उसी तरह का संरक्षण प्रदान किया जाए जैसा बल्क मूवमेंट के लिए दिया जा रहा है।
इसमें भी जल्दी खराब होने वाले खाद्य उत्पादों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उनका कहना है कि निर्यात ठप्प पड़ने से देश के अंदर अधिकांश प्रोसेसिंग प्लांटों में काम ठप्प पड़ जाएगा जिससे करोड़ों डॉलर का नुकसान होगा।
यदि नियमित निर्यात नहीं हुआ तो घरेलू प्रभाग में प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों की आपूर्ति एवं उपलब्धता बहुत बढ़ जाएगी और इसके निस्तारण की चुनौती उत्पन्न हो जाएगी।