iGrain India - विनीपेग । अंतर्राष्ट्रीय मटर बाजार कुछ अनिश्चितताओं के साथ मध्य जुलाई में प्रवेश करने वाला है क्योंकि कनाडा के पश्चिमी तट पर अवस्थित बंदरगाहों के बंद होने से शिपमेंट में गंभीर बाधा पड़ने की आशंका है।
दरअसल वहां श्रमिकों के एक यूनियन ने हड़ताल कर दी है। इस हड़ताल का असर अन्य विशिष्ट फसलों एवं दलहनों की तुलना में मटर तथा मसूर के शिपमेंट पर ज्यादा पड़ने की संभावना है।
पूर्वी तट के बंदरगाहों से बल्क रूप में मटर-मसूर का ज्यादा निर्यात होता है जबकि पश्चिमी तट के बंदरगाहों से कंटेनरों में शिपमेंट को प्राथमिकता दी जाती है।
विश्लेषकों का मानना है कि जुलाई में ही हड़ताल हो जाना अपेक्षाकृत बेहतर है क्योंकि कनाडा में दलहनों की आपूर्ति का अभी ऑफ सीजन चल रहा है और जुलाई-अगस्त के दौरान वहां से मटर-मसूर के निर्यात शिपमेंट की गति अपेक्षाकृत धीमी रहती है।
ऐतिहासिक रूप से मसूर और मटर के बल्क निर्यात के लिए सितम्बर के महीने को सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना जाता है जब सम्पूर्ण कैलेंडर वर्ष के औसतन 23 प्रतिशत मटर एवं 17 प्रतिशत मसूर की लोडिंग होती है।
अगस्त से फसल की कटाई-तैयारी शुरू होती है और इसलिए सितम्बर में वहां निर्यात योग्य माल का स्टॉक काफी बढ़ जाता है। मालूम हो कि कनाडा दुनिया में इन दोनों दलहनों का सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश है।
भारत में कनाडा से बड़े पैमाने पर मसूर का आयात होता है जबकि चीन कनाडाई मटर का प्रमुख खरीदार है। जुलाई की हड़ताल का कनाडाई निर्यात पर आंशिक असर ही पड़ेगा।