iGrain India - नई दिल्ली । देश के दो शीर्ष उत्पादक राज्यों- महाराष्ट्र एवं कर्नाटक में पिछले साल अक्टूबर में भारी बेमौसमी वर्षा से अरहर की फसल क्षतिग्रस्त हो गई थी जिससे इसके उत्पादन में काफी गिरावट आ गई और कीमत तेजी से बढ़ गई।
चालू वर्ष के दौरान इन दोनों प्रांतों में मानसून की बारिश का अभाव होने से अरहर (तुवर) की बिजाई प्रभावित हो रही है जबकि आगे का मौसम ज्यादा अनुकूल रहने की संभावना नहीं है।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ सीजन में 9 जुलाई तक राष्ट्रीय स्तर पर दलहन फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र 46.32 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया जो पिछले साल की समान अवधि के क्षेत्रफल 56.43 लाख हेक्टेयर से 10.11 लाख हेक्टेयर या 17.9 प्रतिशत कम है।
दलहनों का रकबा महाराष्ट्र में 9.46 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 3.83 लाख हेक्टेयर तथा कर्नाटक में 12.97 लाख हेक्टेयर से घटकर 6.02 लाख हेक्टेयर रह गया।
इसके अलावा दलहनों का क्षेत्रफल मध्य प्रदेश में 9.53 लाख हेक्टेयर से घटकर 8.61 लाख हेक्टेयर, उत्तर प्रदेश में 3.69 लाख हेक्टेयर से गिरकर 2.70 लाख हेक्टेयर तथा तेलंगाना में 1.11 लाख हेक्टेयर से फिसलकर 80 हजार हेक्टेयर पर आ गया।
दूसरी ओर राजस्थान में बिजाई क्षेत्र 16.82 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 22.38 लाख हेक्टेयर हो गया।
महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं तेलंगाना में सामान्य औसत से काफी कम बारिश हुई है। दलहन फसलों के संवर्ग में सर्वाधिक गिरावट अरहर के क्षेत्रफल में आई है।
इसका उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के 19.46 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर इस बार 10.32 लाख हेक्टेयर रह गया। ध्यान देने की बात है कि उत्तरी कर्नाटक, मराठवाड़ा एवं विदर्भ संभाग में तुवर की खेती बड़े पैमाने पर होती है जबकि इस बार इन इलाकों में वर्षा का भारी अभाव देखा जा रहा है।
उड़द का उत्पादन क्षेत्र 13.89 लाख हेक्टेयर से घटकर 12.41 लाख हेक्टेयर पर आया है जबकि मूंग का रकबा 16.75 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 17.75 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
राजस्थान में मूंग का उत्पादन क्षेत्र 10.34 लाख हेक्टेयर से उछलकर 15.03 लाख हेक्टेयर तथा उड़द का बिजाई क्षेत्र 1.59 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 2.68 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
यदि शीघ्र ही महाराष्ट्र एवं कर्नाटक में अच्छी बारिश नहीं हुई तो तुवर का संकट एक बार फिर देश को परेशान कर सकता है। सरकार की चिंता भी बढ़ जाएगी।