iGrain India - कोयम्बटूर । खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में हुई भारी कटौती तथा नारियल तेल की मांग में आई कमी के कारण कोपरा के दाम में जोरदार गिरावट आ गई है।
तमिलनाडु में नारियल के सबसे प्रमुख उत्पादक एवं व्यापारिक केन्द्र- पोलाची में कोपरा का दाम बहुत घट गया है। केन्द्र सरकार द्वारा जून में रिफाइंड सोयाबीन तेल, रिफाइंड सूरजमुखी तेल तथा आरबीडी पामोलीन पर आयात शुल्क घटाने के बाद इसका दाम नरम पड़ गया जबकि इसके आयात में बढ़ोत्तरी हो गई।
दक्षिण भारत में पामोलीन तथा रिफाइंड सूरजमुखी तेल की भारी खपत होती है। इसके परिणामस्वरुप नारियल तेल की मांग कमजोर पड़ गई और उसके प्रभाव से कोपरा का दाम गिर गया।
यद्यपि केन्द्र सरकार ने कोपरा का न्यूनतम समर्थन मूल्य 108.60 रुपए प्रति किलो निर्धारित कर रखा है लेकिन पोलाची मार्केट में इसका दाम लुढ़ककर महज 73 रुपए प्रति किलो रह गया है जो पिछले कुछ वर्षों का न्यूनतम स्तर है।
खुले बाजार में 80 रुपए प्रति किलो की दर से इसकी बिक्री हो रही है। उल्लेखनीय है कि कुछ वर्ष पूर्व कोपरा का भाव उछलकर 140 रुपए प्रति किलो के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया था।
कोपरा की सरकारी खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर हो रही है जो चालू माह के अंत में समाप्त हो जाएगी। जानकारों का कहना है कि सरकारी खरीद की प्रक्रिया जारी रहने के बावजूद कोपरा के दाम में गिरावट आ रही है।
जब खरीद की प्रक्रिया बंद हो जाएगी तब इसका भाव घटकर और भी नीचे आ सकता है। अगले साल मार्च से इसके उत्पादन सीजन पीक पर पहुंचेगा जबकि नए माल की छिटपुट आवक जनवरी-फरवरी से आरंभ हो जाती है।
वर्तमान समय में कोपरा का वही दाम चल रहा है जो 20 वर्ष पहले प्रचलित था जबकि इसके बीच विभिन्न खर्चों में भारी बढ़ोत्तरी हो चुकी है।