🏃 इस ब्लैक फ्राइडे ऑफर का लाभ जल्दी उठाएँ। InvestingPro पर अभी 55% तक की छूट पाएँ!सेल को क्लेम करें

खरीफ फसलों की कम बिजाई से चिंतित होने की जरूरत नहीं : कृषि मंत्री

प्रकाशित 19/07/2023, 04:48 pm
खरीफ फसलों की कम बिजाई से चिंतित होने की जरूरत नहीं : कृषि मंत्री
CT
-
ZS
-
NMZFc1
-

iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा है कि सरकार खरीफ फसलों के उत्पादन क्षेत्र पर गहरी नजर रख रही है और अब तक इसमें जो गिरावट आई है उससे घबराने या चिंतित होने की जरूरत नहीं है।

धान एवं कुछ दलहनों का रकबा गत वर्ष से पीछे है। कृषि मंत्री के अनुसार चूंकि अभी मानसून सक्रिय है इसलिए फसलों के बिजाई क्षेत्र में सुधार होने की उम्मीद है।

मौजूदा समय में फसलों पर मानसून के प्रभाव पर टिप्पणी करना ठीक नहीं होगा। सरकार वर्तमान परिदृश्य पर गहरी नजर रख रही है और मानसून की चाल पर भी नजर रखे हुए है। देश के कुछ भागों में जोरदार बारिश हुई है इसलिए अभी खतरे जैसी कोई बात नहीं है।

यह सही है कि देश के उत्तरी एवं पश्चिमोत्तर भाग में मानसून की भारी बारिश हुई है और अब भी वर्षा का दौर जारी है। इसमें राजस्थान, गुजरात, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड एवं हरियाणा आदि शामिल है।

लेकिन दूसरी ओर देश के दक्षिणी राज्यों एवं महाराष्ट्र आदि में अब तक वर्षा का भारी अभाव बना हुआ है। खरीफ फसलों की बिजाई की गति कुछ तेज हुई है लेकिन यह मुख्यत: मोटे अनाजों एवं तिलहनों के क्षेत्रफल में बढ़ोत्तरी का संकेत दे रही है।

धान, दलहन, मक्का एवं कपास का उत्पादन क्षेत्र अभी गत वर्ष से काफी पीछे है। आगामी समय में इसका रकबा बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि अनेक क्षेत्रों में वर्षा हो रही है।

अरहर, सोयाबीन एवं कपास का बिजाई क्षेत्र काफी घट रहा है। महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों में बारिश कम होना इसका प्रमुख कारण माना जा रहा है।

ध्यान देने की बात है कि तुवर, सोयाबीन एवं कपास के लिए महाराष्ट्र देश का दूसरा प्रमुख उत्पादक राज्य है। तुवर के उत्पादन में कर्नाटक, कपास के उत्पादन में गुजरात एवं सोयाबीन के उत्पादन में मध्य प्रदेश पहले नम्बर पर है।

राष्ट्रीय स्तर पर खरीफ फसलों का उत्पादन क्षेत्र 550 लाख हेक्टेयर से ऊपर पहुंच चुका है लेकिन फिर भी पिछले साल से कम है। जुलाई-अगस्त में इन फसलों की अच्छी बिजाई होती है इसलिए क्षेत्रफल में अब तक आई कमी की भरपाई आगे हो सकती है।

लेकिन कुल रकबा भले ही समान्य स्तर या गत वर्ष के बराबर पहुंच जाए, जब तक महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे शीर्ष उत्पादक राज्यों में मानसून की भारी बारिश नहीं होती है तब तक प्रमुख फसलों के उत्पादन क्षेत्र में गिरावट की आशंका बनी रहेगी।

अभी तक अल नीनो मौसम चक्र का प्रभाव शुरू नहीं हुआ है। कृषि मंत्री को उम्मीद है कि खरीफ फसलों का उत्पादन क्षेत्र अच्छी स्थिति में पहुंच जाएगा।

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2024 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित