iGrain India - पेरिस । अमरीकी कृषि विभाग (उस्डा) ने विभिन्न देशों के साथ वैश्विक स्तर पर 2023-24 सीजन के लिए गेहूं के उत्पादन का जो अनुमान लगाया है। उससे उद्योग व्यापार क्षेत्र के अधिकतर विश्लेषक सहमत नहीं है।
एक समीक्षक के अनुसार इस अनुमान की तुलना में गेहूं का वास्तविक उत्पादन कनाडा में करीब 50 लाख टन एवं ऑस्ट्रेलिया में 30-40 लाख टन कम होगा।
कुछ वर्षों से गेहूं की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति अच्छी बनी हुई थी लेकिन इस वर्ष इसका अभाव महसूस हो सकता है क्योंकि अमरीका, कनाडा एवं यूरोपीय संघ के सदस्य देशों में भयंकर सूखे का माहौल बना हुआ है और तापमान उछलकर काफी ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है।
उधर ऑस्ट्रेलिया तथा रूस-यूक्रेन में भी पिछले साल के मुकाबले गेहूं के उत्पादन में भारी गिरावट आने की संभावना है। रुस के कड़े रुख के कारण यूक्रेन से गेहूं के निर्यात शिपमेंट का मामला भी अनिश्चित हो गया है जबकि वह इसका एक महत्वपूर्ण निर्यातक देश है।
कनाडा में भयंकर सूखे की स्थिति देखी जा रही है। भारत की स्थिति ऐसी नहीं है कि यहां से गेहूं का बड़े पैमाने पर निर्यात संभव हो सके।
उस्डा ने कनाडा में चालू वर्ष के दौरान करीब 350 लाख टन गेहूं के उत्पादन का अनुमान लगाया है जबकि एक अग्रणी विश्लेषक फर्म का कहना है कि वास्तविक उत्पादन 300-304 लाख टन से ज्यादा नहीं होगा।
स्वयं अमरीका में शीतकालीन गेहूं की फसल निराशाजनक स्थिति में थी जिसकी कटाई-तैयारी हुई है जबकि वसंतकालीन गेहूं की फसल को भी शुष्क एवं गर्म मौसम का सामना करना पड़ रहा है।
अर्जेन्टीना में गेहूं की पिछली फसल बहुत कमजोर रही और नई फसल के लिए भी खतरा बना हुआ है। यूरोपीय संघ के देशों में गेहूं की फसल पहले अच्छी हालत में थी मगर अब उसे भी प्रतिकूल मौसम का सामना करना पड़ रहा है जिससे उसकी औसत उपज दर में गिरावट देखी जा रही है।
यूनान तथा स्पेन जैसे देशों में तो आसमान आग उगल रहा है। ऑस्ट्रेलिया में पिछले दो सीजन के दौरान गेहूं के उत्पादन में रॉकेट की रफ्तार से बढ़ोत्तरी हुई जबकि चालू वर्ष का उत्पादन लगभग सामान्य स्तर पर सिमटने की संभावना है।
इसके अलावा अल नीनो मौसम चक्र के कारण भारत तथा दक्षिण-पूर्व एशिया में भारी संकट उत्पन्न होने की आशंका है। चीन में फसल कटाई के दौरान हुई वर्षा से गेहूं की क्वालिटी खराब हो गई।