iGrain India - शिकागो । अमरीका, कनाडा एवं यूरोपीय संघ के सदस्य देशों में भीषण गर्मी पड़ने तथा बारिश का अभाव होने से गेहूं की फसल को काफी नुकसान हो रहा है जिससे इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न के उत्पादन में गिरावट आने की संभावना है।
रूस तथा ऑस्ट्रेलिया और यूक्रेन में भी इसका उत्पादन गत वर्ष से काफी कम होने का अनुमान है। लैटिन अमरीकी देश- अर्जेन्टीना में पहले ही इसका उत्पादन काफी घट चुका है जबकि नई बिजाई वाली फसल की हालत भी कमजोर बताई जा रही है।
भारत में गेहूं का उत्पादन सरकारी अनुमान से बहुत कम हुआ है जबकि अगली फसल की बिजाई अक्टूबर-नवम्बर में शुरू होगी। चीन में पिछली फसल के गेहूं की क्वालिटी खराब मौसम के कारण प्रभावित हुई।
इस बीच रूस ने यूक्रेन के साथ अनाज निर्यात के लिए किए गए करारा को भंग कर दिया है जिससे काला सागर से समुद्री मार्ग के जरिए यूक्रेन के गेहूं का शिपमेंट बंद हो गया है। वहां नई फसल की कटाई भी शुरू हो गई है।
सबसे खराब हालत कनाडा तथा कुछ यूरोपीय देशों की है जहां बारिश की कमी एवं आग उगलती गर्मी ने गेहूं की फसल को क्षत-विक्षत करना शुरू कर दिया है।
हालांकि ऑस्ट्रेलिया में मौसम अभी तक लगभग सामान्य है लेकिन आगे अल नीनो का खतरा बढ़ने की आशंका है जिससे गेहूं की फसल बुरी तरह प्रभावित हो सकती है।
सबसे प्रमुख निर्यातक देश-रूस में पिछले साल गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ था लेकिन चालू वर्ष के दौरान वहां इसमें काफी गिरावट आने की संभावना है। वैसे रूस में अभी गेहूं का बड़ा स्टॉक मौजूद है जबकि नई फसल की कटाई-तैयारी का सीजन औपचारिक तौर पर शुरू हो चुका है।