iGrain India - मास्को । रूस में दूर-दूर तक होने वाली भारी वर्षा के कारण गेहूं की फसल की कटाई में बाधा पड़ रही है। सोवइकोन के अनुसार इस वर्ष 20 जुलाई तक केवल 14 प्रतिशत क्षेत्र में फसल की कटाई हो सकी जबकि गत वर्ष 22 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। रूस दुनिया में गेहूं का सबसे बड़ा निर्यातक और तीसरा सबसे प्रमुख उत्पादक देश है।
यूक्रेन से निर्यात प्रभावित होने के कारण अब रूस में गेहूं के उत्पादन पर सबका ध्यान केन्द्रित हो गया है। एजेंसी के अनुसार मौसम की हालत अनुकूल नहीं होने से रूस में गेहूं की फसल काटने में किसानों को असुविधा हो रही है।
वैसे भी फिलहाल सीमित भाग में ही फसल की कटाई शुरू हुई है जबकि आगामी समय में अन्य क्षेत्रों में कटाई आरंभ होने पर इसकी रफ्तार बढ़ने की उम्मीद है। जिन इलाकों में फसल की कटाई आरंभ हुई है वहां इस बार सामान्य औसत की तुलना में 150 प्रतिशत तक बारिश हो चुकी है।
समीक्षकों का कहना है कि फसल की कटाई की धीमी गति नम मौसम तथा धूप की कमी से गेहूं की पकी हुई फसल की औसत उपज दर तथा क्वालिटी आंशिक रूप से प्रभावित हो सकती है।
जुलाई के आरंभ से ही प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में रूक-रूक कर वर्षा हो रही है। इससे पिछैती फसल को कुछ राहत मिली है मगर अगैती फसल को खतरा बढ़ गया है।
सोवइकोन ने चालू वर्ष के दौरान रूस में गेहूं का उत्पादन घटकर 868 लाख टन पर सिमटने का अनुमान लगाया है जो पिछले साल के रिकॉर्ड उत्पादन 1042 लाख टन से काफी कम है।
इसके बावजूद वहां गेहूं की कुल उपलब्धता में ज्यादा गिरावट नहीं आएगी क्योंकि गेहूं का विशाल पिछला बकाया स्टॉक मौजूद है। विश्लेषकों का मानना है कि कटाई की धीमी गति के कारण इस बार रूस के कुछ भागों में सीजन के अंत तक पूरी फसल की कटाई शायद संभव नहीं हो पाएगी।
वैसे वर्ष 2016 में भी ऐसी ही स्थिति उत्पन्न हुई थी लेकिन धीमी शुरूआत के बावजूद वहां सीजन की समाप्ति तक 99 प्रतिशत क्षेत्र में फसल की कटाई पूरी हो गई थी।