iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री का कहना है कि 2022- 23 के मार्केटिंग सीजन में 18 जुलाई तक देश भर में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर जो धान खरीदा गया उसमें 1.24 करोड़ किसानों को फायदा हुआ।
केन्द्रीय पूल में चावल का योगदान देने वाले अग्रणी राज्यों में पंजाब, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, हरियाणा, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, बिहार एवं मध्य प्रदेश तथा उत्तर प्रदेश आदि शामिल हैं।
सरकार किसानों से खरीफ एवं रबी-दोनों सीजन में एमएसपी पर धान की खरीद करती है और फिर कस्टम मिलिंग के लिए राइस मिलर्स को उसका आवंटन कर देती है। राइस मिलर्स खाद्य निगम को चावल की आपूर्ति करते है।
गेहूं के बारे में खाद्य राज्यमंत्री का कहना था कि इसकी सरकारी खरीद पिछले साल से 187.92 लाख टन से 39.43 प्रतिशत बढ़कर चालू वर्ष में 262.02 लाख टन पर पहुंच गई लेकिन फिर भी 341.50 लाख टन के नियत लक्ष्य से काफी पीछे रह गई।
किसानों को लाभदायक वापसी सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य गत वर्ष के 2015 रुपए प्रति क्विंटल से 110 रुपए बढ़ाकर इस बार 2125 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया था और इसकी गुणवत्ता से सम्बन्धित नियमों-शर्तों में ढील दी थी।
गेहूं के निर्यात पर मई 2022 से ही प्रतिबंध लगा हुआ है। केन्द्रीय पूल में 1 जुलाई 2023 को 301 लाख टन गेहूं का स्टॉक मौजूद था इसलिए फिलहाल आंतरिक खाद्य सुरक्षा के लिए कोई खतरा नहीं है और खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत वास्तविक उपयोगकर्ताओं को बाजार से सस्ते दाम पर इसे उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसके लिए नियमित रूप से साप्ताहिक ई-नीलामी आयोजित की जा रही है।