iGrain India - अंकारा । काला सागर अनाज निर्यात नौवहन करार भंग होने के बाद यूक्रेन से अन्य कृषि उत्पादों के साथ-साथ गेहूं का निर्यात शिपमेंट भी ठप्प पड़ जाने की संभावना है।
दरअसल रूस ने यूक्रेन के लिए काला सागर क्षेत्र से कृषि उत्पादों के निर्यात का रास्ता लगभग बंद कर दिया है और डेन्यूब नदी पर स्थित छोटे-छोटे बंदरगाहों पर भी हमला तेज कर दिया है जिससे वहां दहशत का माहौल बना हुआ है।
इसके साथ-साथ काला सागर तट पर यूक्रेन के सबसे प्रमुख गहरे पानी वाले बंदरगाह- ओडेसा पर जबरदस्त बम बारी करके उसकी बुनियादी ढांचागत सुविधाओं को भी नष्ट-भ्रष्ट कर दिया है ताकि भविष्य में भी यूक्रेन को इस बंदरगाह से अनाज निर्यात करने में भारी कठिनाई हो। अब यूक्रेन के पास अत्यन्त सीमित विकल्प रह गया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल के मुकाबले इस बार रूस, यूक्रेन तथा ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में गेहूं के उत्पादन में भारी गिरावट आने का अनुमान लगाया जा रहा है।
अमरीका, कनाडा तथा यूरोपीय संघ में गेहूं की पैदावार पूर्व अनुमान से कम होने की संभावना है जिससे वैश्विक बाजार में आपूर्ति के लिए वहां कम स्टॉक उपलब्ध रहेगा। इससे गेहूं की कीमतों में तेजी आ सकती है।
भारत से गेहूं का निर्यात संभव नहीं हो पाएगा जबकि चीन में इसका भारी-भरकम आयात जारी रहेगा। फ्रांस और जर्मनी यूरोपीय संघ में गेहूं का सबसे बड़ा उत्पादक एवं निर्यातक देश है मगर वहां कम उत्पादन होने से निर्यात योग्य स्टॉक घट सकता है।
वैश्विक खाद्य बाजार में तेजी की सुगबुगाहट आरंभ हो गई है। भारत से कच्चे (सफेद) चावल का निर्यात रुकने के बाद कीमतों में और भी तेजी आने की संभावना है। प्रमुख निर्यातक देशों में गेहूं का स्टॉक कम है क्योंकि वहां से पहले ही इसका भारी-भरकम शिपमेंट हो चुका है।
काला सागर क्षेत्र एवं यूरोपीय संघ के देशों में गेहूं की नई फसल की कटाई-तैयारी आरंभ हो चुकी है जबकि कनाडा में अगले कुछ सप्ताहों में शुरू होने वाली है।
लगभग सभी प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देशों में गेहूं का स्टॉक कम है क्योंकि वहां से पहले ही इसका भारी-भरकम शिपमेंट हो चुका है। काला सागर क्षेत्र एवं यूरोपीय संघ के देशों में गेहूं की नई फसल की कटाई-तैयारी आरंभ हो चुकी है जबकि कनाडा में अगले कुछ सप्ताहों में शुरू होने वाली है। लगभग सभी प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देशों में इस वर्ष मौसम प्रतिकूल रहा।