iGrain India - मास्को । यूक्रेन के साथ करार भंग होने के फौरन बाद रूस के गेहूं का निर्यात ऑफर मूल्य कुछ तेज हुआ था लेकिन गत सप्ताह यह सामान्य स्तर पर स्थिर हो गया। मालूम हो कि रूस दुनिया में गेहूं का सबसे प्रमुख निर्यातक और तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है।
एक अग्रणी कृषि परामर्श फर्म के अनुसार काला सागर क्षेत्र में स्थित बंदरगाहों पर रूस के 12.5 प्रतिशत प्रोटीन से युक्त गेहूं का फ्री ऑन बोर्ड निर्यात ऑफर मूल्य अगस्त 2023 के प्रथम हाफ में डिलीवरी के लिए घटकर गत सप्ताह 241 डॉलर प्रति टन पर आ गया जो उससे पूर्ववर्ती सप्ताह में 242 डॉलर प्रति टन हो गया था।
रूस पर ध्यान केन्द्रित रखने वाली एक कृषि परामर्श फर्म के अनुसार जुलाई माह के दौरान रूस से कुल मिलाकर 44 लाख टन गेहूं का निर्यात होने का अनुमान है जो जुलाई 2022 के शिपमेंट 25 लाख टन तथा जुलाई माह के ऐतिहासिक औसत निर्यात 28 लाख टन से काफी अधिक है।
इससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि वैश्विक बाजार में रूस के गेहूं की जबरदस्त मांग बनी हुई है और अनेक देश भारी मात्रा में इसका आयात करके अपने स्टॉक पोजीशन को मजबूत बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
हाल के महीनों में रूस से गेहूं की विशाल मात्रा का निर्यात हुआ है क्योंकि एक तो वहां पिछले साल गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन होने से भारी-भरकम निर्यात योग्य अधिशेष स्टॉक मौजूद है और दूसरे, उसके अनाज का भाव हमेशा प्रतिस्पर्धी स्तर पर रहता है।
पिछले सप्ताह रूस से 9.00 लाख टन गेहूं का निर्यात हुआ जबकि उससे पिछले सप्ताह 11 लाख टन का शिपमेंट हुआ था। लेकिन चालू सीजन में वहां गेहूं का उत्पादन कम होने की संभावना है।
इस वर्ष जुलाई में वहां 67 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की फसल काटी गई और 4.04 टन प्रति हेक्टेयर की औसत उपज दर के साथ कुल 271 लाख टन गेहूं का उत्पादन हुआ।
इसके मुकाबले जुलाई 2022 में 73 लाख हेक्टेयर में फसल की कटाई हुई थी और 4.36 टन प्रति हेक्टेयर की औसत उपज दर से 318 लाख टन गेहूं का उत्पादन हुआ था।