iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा है कि चावल, गेहूं, दलहन, मोटे अनाजों (मक्का एवं जौ) तथा पोषक अनाजों (श्री अन्न) की पैदावार एवं उपज दर बढ़ाने तथा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के उद्देश्यों को पूरा करने हेतु प्रभावी हस्तक्षेप सुनिश्चित करने के लिए राज्यों / संघ शासित प्रदेशों के मध्य से किसानों को आवश्यक सहायता प्रदान की जा रही है।
इसमें उच्च उपज दर वाले बीजों का वितरण, कृषि तकनीक / संसाधन, सिंचाई सुविधा तथा मिटटी स्वास्थ्य परीक्षण एवं प्रबंधन आदि शामिल हैं। कृषक समुदाय की खेती की नई-नई विधि सीखाने एवं अपनाने के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाता है।
दलहन-तिलहन की नई एवं उन्नत किस्मों का बीज मिनी किट्स वितरित किया जाता है और बेहतर क्वालिटी के बीज का उत्पादन बढ़ाया जा रहा है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अधीनस्थ संस्थानों, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों तथा कृषि विज्ञान केन्द्रों में बीज हब का निर्माण किया जा रहा है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन- तिलहन के उद्देश्यों को हासिल करने के लिए बीडर सीड की खरीद के लिए सहायता / सब्सिडी दी जा रही है, फाऊंडेशन सीड एवं सर्टिफाइड सीड का उत्पादन बढ़ाया जा रहा है और किसानों के बीच इसका वितरण भी किया जा रहा है।
भारत सरकार द्वारा अगस्त 2021 में एक पृथक मिशन' नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल्स- ऑयल पाम का शुभारम्भ किया गया ताकि ऑयल पाम की खेती को बढ़ावा दिया जा सके। इसका उद्देश्य देश में खाद्य तेलों की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाना है।
इसके तहत ऑयल पाम के बागानी क्षेत्र का विकास-विस्तार करना, क्रूड पाम तेल का उत्पादन बढ़ाना तथा विदेशी खाद्य तेलों के आयात पर देश की निर्भरता को घटाना- जैसे उद्देश्य शामिल किए गए हैं।
इसके अलावा सरकार द्वारा यानी की बचत के उद्देश्य के साथ आधिकारिक उत्पादन प्राप्त करने पर भी जोर दिया जा रहा है। भारत में सिंचाई सुविधा वाले क्षेत्र के दायरा वर्ष 2016-17 में 692.70 लाख हेक्टेयर था जो वर्ष 2020-21 में बढ़कर 777.29 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।