iGrain India - नई दिल्ली । खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत भारतीय खाद्य निगम द्वारा आयोजित नवीनतम साप्ताहिक ई-नीलामी के दौरान 1.09 लाख टन गेहूं की बिक्री का ऑफर दिया गया था जिसमें से लगभग 1.08 लाख टन की खरीद मिलर्स द्वारा की गई।
इससे साफ संकेत मिलता है कि सरकार गेहूं की खरीद के प्रति बल्क खरीदारों की दिलचस्पी बढ़ती जा रही है क्योंकि इस खाद्यान्न का थोक एवं खुदरा मूल्य बढ़ता जा रहा है।
इस बीच सरकार ने ओएमएसएस के तहत गेहूं की कुल बिक्री का ऑफर 15 लाख टन से बढ़ाकर 50 लाख टन नियत करने की घोषणा की है। चावल की मात्रा 25 लाख टन निर्धारित करते हुए इसका रिजर्व मूल्य 200 रुपए घटाकर 2900 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया गया है।
नवीनतम नीलामी में गेहूं का भारित औसत मूल्य 2254.71 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया। नीलमी में सबसे ऊंचा भाव महाराष्ट्र में 2685 रूपए प्रति क्विंटल पर पहुंचा जबकि पिछले सप्ताह यह पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में 2500 रूपए प्रति क्विंटल रहा था जहां एक-एक खरीदार ने इस मूल्य स्तर पर गेहूं खरीद के लिए बोली लगाई थी।
प्राप्त सूचना के अनुसार महाराष्ट्र में एक खरीदार ने पुणे डिपो से 2685 रूपए प्रति क्विंटल की दर से 10 टन गेहूं खरीदा जबकि सांगली के मिलर्स द्वारा 2680 रुपए प्रति क्विंटल की दर से 100 टन गेहूं खरीदा गया।
गेहूं का सबसे ऊंचा बिड मूल्य पश्चिम बंगाल में 2600 रुपए प्रति क्विंटल, आसाम में 2575 रुपए, मध्य प्रदेश में 2430 रुपए, झारखंड में 2420 रुपए, राजस्थान में 2415 रुपए, उड़ीसा में 2400 रुपए, उत्तराखंड में 2380 रुपए, बिहार में 2375 रुपए तथा गुजरात में 2320 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया।
व्यापार विश्लेषकों का कहना है कि सरकार ने गेहूं का ऑफर स्तर बढ़ाकर 50 लाख टन नियत करने का जो निर्णय लिया है वह सही समय पर उठाया गया उचित कदम है लेकिन घरेलू बाजार मूल्य में गिरावट सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक साप्ताहिक नीलामी में गेहूं की बिक्री मात्रा दोगुनी बढ़ाए जाने की आवश्यकता है।
इसके अलावा प्रत्येक खरीदार के लिए गेहूं खरीद की उच्चतम सीमा भी 100 टन से अधिक होनी चाहिए। इससे नीलामी में अधिक से अधिक बिडर्स भाग ले सकेंगे और मार्केट में कीमतों पर दबाव बढ़ सकता है। मालूम हो कि गेहूं की नीलामी 31 मार्च 2024 तक जारी रखने का निर्णय पहले ही लिया जा चुका है।