iGrain India - नई दिल्ली । चीन के उत्तरी राज्यों में अत्यन्त मूसलाधार वर्षा तथा भयंकर बाढ़ के प्रकोप से धान की फसल को काफी नुकसान होने से चावल का उत्पादन घटने की संभावना है जिससे वहां इसके आयात में बढ़ोत्तरी हो सकती है।
चूंकि भारत से गैर बासमती कच्चे चावल का निर्यात बंद होने से वैश्विक बाजार में आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति जटिल होती जा रही है और कीमतों में वृद्धि हो रही है इसलिए अगर चीन की मांग बढ़ी तो चावल का भाव और भी तेज हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि संसार में धान-चावल का सबसे बड़ा उत्पादक देश होने के बावजूद चीन को विदेशों से अक्सर भारी मात्रा में चावल का आयात करने की आवश्यकता पड़ती है।
ध्यान देने की बात है कि चीन के तीन प्रांतों में एक बार फिर भयंकर बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है जबकि वहां देश के 23 प्रतिशत चावल का उत्पादन होता है। हाल के सप्ताहों में चीन के कई राज्यों में बाढ़-वर्षा का भयंकर प्रकोप देखा गया है।
वहां समुद्री चक्रवाती तूफान ने भी धान की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है। हालांकि फिलहाल धान की फसल को हुए कुल नुकसान का सटीक ब्यौरा सामने नहीं आया है लेकिन इतना अवश्य है कि इसे काफी क्षति पहुंची है और कई भागों में इसकी औसत उपज दर में गिरावट आएगी।
चीन के उत्तरी एवं पूर्वोत्तर भाग में इस वर्ष जबरदस्त वर्षा हुई है जिसमें आंतरिक मंगोलिया, जिलिन हिलोंग जियांग प्रान्त शामिल है। इन प्रांतों में चीन का 23 प्रतिशत चावल पैदा होता है।
चीन में डोकसुरी चक्रवाती तूफान का प्रकोप पहले ही आ चुका है जबकि अब एक और भयंकर तूफान-खानून उत्तरी राज्यों की तरफ बढ़ रहा है।
समझा जाता है कि चीन में चालू वर्ष की अंतिम तिमाही में चावल का आयात तेजी से बढ़ सकता है।
इससे थाईलैंड और वियतनाम जैसे निर्यातक देशों को अपने चावल का दाम और निर्यात बढ़ाने का अच्छा अवसर मिलने की संभावना है। इसके अलावा पाकिस्तान एवं म्यांमार को दाम और निर्यात बढ़ाने का अच्छा अवसर मिलने की संभावना है।
इसके अलावा पाकिस्तान एवं म्यांमार को भी कुछ फायदा हो सकता है। चीन में उत्पादन कितना घटता है और आयात में कितनी बढ़ोतरी होती है- इसके अनुरूप चावल के वैश्विक बाजार मूल्य में तेजी निर्भर करेगी।
फाओ की एक रिपोर्ट के अनुसार चावल का वैश्विक बाजार भाव पहले ही उछलकर गत 12 वर्षों के शीर्ष स्तर पर पहुंच चुका है जिससे एशिया तथा अफ्रीका में अनेक आयातक देशों की कठिनाई काफी बढ़ गई है।