iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन उपलब्ध करवाने की एक योजना की घोषणा शीघ्र ही करेगी। यह स्कीम ग्रामीण महिलाओं को प्रति वर्ष एक लाख रुपए कमाने का अवसर देने के बृहत्तर उद्देश्य का एक भाग है।
लेकिन फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस योजना के तहत जो ड्रोन दिया जाएगा वह मुफ्त में होगा या उसके लिए सब्सिडी दी जाएगी अथवा बैंकों से कर्ज दिलवाया जाएगा।
प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को ऋण दिया जाएगा और साथ ही साथ ड्रोन को संचालित करने तथा उसकी मरम्मत करने के लिए समुचित प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री ने इस योजना की घोषणा करते हुए कहा था कि स्वयं सहायता समूहों में 10 करोड़ महिलाएं पहले ही शामिल हो चुकी हैं। मेरा सपना 2 करोड़ लखपति दीदी के आधार का निर्माण करने का है।
यह आधार ग्रामीण क्षेत्र में तैयार किया जाएगा। मैं एक नई योजना के बारे में सोच रहा हूँ जो इन स्वयं सहायता समूहों की बहनों को प्रशिक्षण देने से सम्बन्धित है।
तकनीकी का समावेश एवं उपयोग करके इन महिलाओं को कृषि क्षेत्र के साथ जोड़ा जाएगा जिससे हमारी कृषि तकनीक मजबूत होगी।
हालांकि कृषि कार्यों में ड्रोन का उपयोग पहले से किया जा रहा है मगर अब इसको ज्यादा व्यापक तरीके से इस्तेमाल करने पर जोर दिया जाएगा। मालूम हो कि खेतों में खाद तथा कीटनाशी दवाओं का छिड़काव करने में ड्रोन काफी मददगार साबित होता है।
कुछ वर्ष पूर्व जब देश के कई राज्यों में फसलों पर टिड्डी दल का हमला हुआ था तब ड्रोन की सहायता से उसे भगाने में सफलता मिली थी। प्रधानमंत्री ने कहा था कि महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा।