iGrain India - वारसा । हालांकि यूक्रेन के सीमावर्ती यूरोपीय संघ के कई देशों ने यूक्रेनी अनाज के निर्यात पर लागू प्रतिबंध की समय सीमा बढ़ाने की मांग की है लेकिन यूरोपीय आयोग इसके बजाए यूक्रेन से आयातित अनाज पर इन देशों को उचित सब्सिडी देने की संभावना पर विचार कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि एक समय यूक्रेन से सीमावर्ती देशों को इतनी विशाल मात्रा में खाद्यान्न की आपूर्ति की गई कि वहां इसका भाव घटकर काफी नीचे आ गया और किसानों को अपना उत्पाद बेचने में भारी कठिनाई होने लगी।
तब इन देशों के अनुरोध पर यूरोपीय आयोग ने इन देशों में यूक्रेन से अनाज के आयात एवं उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया। उधर रूस ने यूक्रेन के साथ यह करार समाप्त कर दिया जिसमें उसे काला सागर क्षेत्र के बंदरगाहों से खाद्यान्न के निर्यात शिपमेंट हेतु सुरक्षित कोरीडोर प्रदान की गई थी।
इससे यूक्रेन की समस्या बहुत बढ़ गई है। यूरोपीय संघ के जिन पांच सीमावर्ती देशों में यूक्रेन से अनाज के निर्यात पर पाबंदी लगी हुई है उसमें पोलैंड, हंगरी, स्लोवाकिया, रोमानिया एवं बुल्गारिया शामिल हैं।
यूरोपीय आयोग यूरोपीय संघ की कार्यकारी संस्था है। यूक्रेन के संकट को देखते हुए आयोग उसकी मदद करना चाहता है।
उसका विचार है कि इन देशों में यूक्रेन से यदि अनाज का आयात किया जाता है तो उन देशों को करीब 30 यूरो या 32.62 डॉलर प्रति टन की सब्सिडी दी जाए जिसे वे अपने किसानों में वितरित कर सके।
इसके अलावा इन देशों के रास्ते यूरोपीय संघ के अन्य सदस्य देशों को यूक्रेनी अनाज का निर्यात करने की सुविधा बहाल होनी चाहिए। यूक्रेन में फसलों की कटाई-तैयारी पहले ही आरंभ हो चुकी है मगर उसे इसके निर्यात का रास्ता नहीं मिल रहा है।
अफ्रीकी देशों में इस बार यूक्रेन को विस्थापित करने रूस अपने गेहूं सहित अन्य अनाजों का निर्यात बढ़ाने में सफल हो सकता है। यूरोपीय आयोग की नजर भविष्य पर टिकी हुई है क्योंकि स्पेन सहित कई अन्य यूरोपीय देश यूक्रेन से भारी मात्रा में सस्ते खाद्यान्न का आयात करते हैं।