iGrain India - पर्थ । एक अग्रणी संस्था- प्राइमरी इंडस्ट्रीज एंड रीजंस साउथ ऑस्ट्रेलिया (पिरसा) की नवीनतम फसल समीक्षा में कहा गया है कि साउथ ऑस्ट्रेलिया प्रान्त में पिछले साल शीतकालीन फसलों का उत्पादन बढ़कर 128 लाख टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था लेकिन चालू वर्ष के दौरान यह 33 प्रतिशत घटकर 88 लाख टन पर सिमट जाने की संभावना है।
वैसे यह आंकड़ा पंचवर्षीय औसत उत्पादन 85 लाख टन से 3 लाख टन ज्यादा है। रिपोर्ट के मुताबिक यदि शीतकालीन फसलों की उपज दर दस वर्षीय औसत के आसपास रही तो 2023-24 के वर्तमान सीजन में इसका कुल उत्पादन 88 लाख टन तक पहुंच सकता है।
उल्लेखनीय है कि अप्रैल-मई तथा जून माह के दौरान राज्य के कई भागों में औसत बारिश होने से फसलों की हालत में सुधार आ गया। फसलों की बिजाई तो काफी जोर शोर से आरंभ हुई थी और मध्य जुलाई तक इसकी प्रगति भी संतोषजनक रही लेकिन उसके बाद मौसम शुष्क होने लगा। आगामी समय में भी वहां वर्षा की हालत अनिश्चित बताई जा रही है।
पिरसा की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में गेहूं का बिजाई क्षेत्र बढ़ने से जौ के क्षेत्रफल में धीरे-धीरे गिरावट आ रही है। वर्ष 2019-20 में इसका रकबा 9.90 लाख हेक्टेयर रहा था जबकि 2023-24 सीजन में यह घटकर 8.40 लाख हेक्टेयर के करीब रह गया।
दूसरी ओर गेहूं के साथ-साथ वहां मसूर के बिजाई क्षेत्र में भी कुछ इजाफा हुआ है। साउथ ऑस्ट्रेलिया प्रान्त में अल नीनो मौसम चक्र के लिए अलर्ट घोषित हुआ है जबकि आगामी समय में वहां घना कोहरा छाने की आशंका भी है।
इससे फसलों को क्षति हो सकती है। मई में वहां मौसम शुष्क रहने से कई जिलों में फसल की बिजाई की गति धीमी रही थी लेकिन जून में हालत बेहतर हो गई।