iGrain India - नई दिल्ली । भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा आयोजित नवीनतम साप्ताहिक ई-नीलामी के दौरान 1.54 लाख टन गेहूं तथा 10,550 टन चावल की बिक्री हुई और इसका औसत मूल्य क्रमश: 2152.54 रुपए प्रति क्विंटल तथा 3023.33 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया।
खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं एवं चावल की बिक्री की जा रही है। गेहूं की बिक्री के लिए 23 अगस्त को नौवें चरण की साप्ताहिक ई-नीलामी आयोजित की गई थी जिसमें बिक्री के लिए 2 लाख टन अनाज का ऑफर दिया गया था और देश भर के 484 डिपो से इसकी बिक्री होनी थी।
इसमें से 1.54 लाख टन की बिक्री संभव हो सकी। जहां तक चावल का सवाल है तो 289 डिपो से कुल 3.29 लाख टन की बिक्री का ऑफर दिया गया था मगर 10,550 टन चावल ही बिक सका।
नीलामी के दौरान एफएक्यू श्रेणी के गेहूं का भारित औसत बिक्री मूल्य 2166.95 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया जो सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम आरक्षित मूल्य 2150 रुपए प्रति क्विंटल से कुछ ऊंचा रहा।
इसी तरह यूआरएस संवर्ग के गेहूं का भारित औसत मूल्य 2150.08 रुपए प्रति क्विंटल रहा जो न्यूनतम रिजर्व प्राइस 2125 रुपए प्रति क्विंटल से ऊंचा था। जहां तक चावल की बात है तो इसका आरक्षित मूल्य 2971.34 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित हुआ था जबकि भारित औसत बिक्री मूल्य 3023.33 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया।
घरेलू प्रभाग में गेहूं तथा चावल की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाकर सरकार इसके मूल्य में तेजी को नियंत्रित करने का प्रयास कर रही है। गेहूं की उच्चतम खरीद सीमा 100 टन नियत की गई है जबकि चावल के लिए यह 1000 टन प्रति खरीदार निर्धारित हुआ है।
इससे छोटे एवं सीमांत अंतिम उपयोगकर्ताओं को खरीद बढ़ाने का प्रोत्साहन मिलेगा। सरकार पहले ही ओएमएसएस के लिए गेहूं एवं चावल की ऑफर मात्रा में भारी बढ़ोत्तरी की घोषणा कर चुकी है।
ध्यान देने की बात है कि बड़े-बड़े फ्लोर मिलर्स एवं प्रोसेसर्स गेहूं खरीद की उच्चतम सीमा कम से कम 500 टन प्रति खरीदार नियत करने की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार का कहना है कि फिलहाल इसकी कोई जरूरत नहीं है क्योंकि कीमत घटाने का उद्देश्य वर्तमान नीति से ही हासिल हो रहा है।