iGrain India - मास्को । रूस में 2022-23 के मार्केटिंग सीजन (जुलाई-जून) के दौरान गेहूं का उत्पादन तेजी से उछलकर 1042 लाख टन के सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया था जिसमें से काफी बड़ा स्टॉक अभी बचा हुआ है।
यद्यपि 2023-24 के मौजूदा सीजन में वहां इस महत्वपूर्ण अनाज का उत्पादन घटकर 921 लाख टन रह जाने का अनुमान लगाया जा रहा है लेकिन भारी-भरकम पिछला बकाया स्टॉक के कारण कुल उपलब्धता की स्थिति बेहतर रहेगी और निर्यात उद्देश्य के लिए इसका पर्याप्त स्टॉक मौजूद रहेगा।
रूस का गेहूं दुनिया में सबसे सस्ता रहता है इसलिए मिस्र एवं तुर्की सहित अनेक देश इसकी विशाल मात्रा में खरीद करते हैं। इस बार रूस के लिए एक प्लस प्वाइंट यह भी है कि उसके प्रमुख प्रतिद्वंदी देश- यूक्रेन को गेहूं का निर्यात करने में भारी कठिनाई हो रही है।
काला सागर क्षेत्र के उसके बंदरगाहों से गेहूं का शिपमेंट लगभग ठप्प पड़ गया है। इसी तरह यूरोपीय संघ के सीमावर्ती सदस्य देशों में यूक्रेनी गेहूं के आयात पर प्रतिबंध लगा हुआ है जिसमें पोलैंड, हंगरी, बुल्गारिया जैसे देश भी शामिल हैं।
हालांकि यूक्रेन के डेन्यूब नदी पर स्थित छोटे-छोटे बंदरगाह से गेहूं का सीमित निर्यात करने में सफलता मिल रही है मगर रूस अक्सर वहां भी हमला करता रहता है।
अफ्रीकी देशों में यूक्रेन की विस्थापित करके रूस इस बार अपने गेहूं का भारी निर्यात करने में सफल हो सकता है जबकि परम्परागत खरीदार देशों में भी निर्यात के आसार हैं।
उल्लेखनीय है कि रूस दुनिया में गेहूं का सबसे प्रमुख निर्यातक एवं चीन तथा भारत के बाद तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। वहां पहले खराब मौसम के कारण इस बार गेहूं का उत्पादन काफी घटने की आशंका व्यक्त की जा रही थी लेकिन जुलाई-अगस्त के दौरान मध्यवर्ती भाग एवं वोल्गा क्षेत्र में अच्छी बारिश होने से अब उत्पादन बढ़कर 9 करोड़ टन से ऊपर पहुंच जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। वहां गेहूं की नई फसल की कटाई-तैयारी पहले ही आरंभ हो चुकी है और इसकी औसत उपज दर भी ऊंची देखी जा रही है।