iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय वित्त मंत्रालय ने आगाह किया है कि वैश्विक एवं क्षेत्रीय अनिश्चितताओं एवं घरेलू बाधाओं के कारण महंगाई का दबाव आगे भी बरकरार रह सकता है। सरकार को ज्यादा सजग-सतर्क रहना होगा और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को भी सावधान होना पड़ेगा।
मंत्रालय की नवीनतम मासिक रिपोर्ट में कहा गया है कि यूक्रेन के साथ नौवहन करार को समाप्त करने के रूस के निर्णय एवं प्रमुख गेहूं उत्पादक देशों में शुष्क मौसम के कारण अनाजों के वैश्विक बाजार मूल्य में तेजी आ रही है।
इधर घरेलू प्रभाग में सफेद मक्खी के प्रकोप एवं मानसून की अनिश्चितता एवं असमान वर्षा से सब्जियों की कीमतें काफी बढ़ गई है।
लेकिन रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि कुछ खास खाद्य उत्पादों के दाम में हाल के समय में आई तेजी अस्थायी हो सकती है और समय गुजरने के साथ बाजार पुनः सामान्य स्तर की ओर लौट सकता है।
अगस्त के अंत या सितम्बर के आरंभ में नए माल की आवक शुरू होने पर टमाटर का भाव घटने की संभावना है। इसके अलावा तुवर का आयात बढ़ने के आसार हैं जिससे दलहनों में तेजी पर कुछ अंकुश लग सकता है। सरकार भी महंगाई को नियंत्रित करने के लिए अपनी ओर से भरसक प्रयास कर रही है जिसका सकारात्मक परिणाम जल्दी ही सामने आने की उम्मीद है।