iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने पिछले साल टुकड़ी चावल (ब्रोकन राइस) और इस वर्ष 20 जुलाई को गैर बासमती सफेद (कच्चे) चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद अब प्रीमियम क्वालिटी के बासमती चावल के शिपमेंट को सीमित करने का प्रयास आरंभ कर दिया है।
केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग ने अपनी अधीनस्थ एजेंसी- कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) को एक पत्र भेजकर सूचित किया है कि 21 अगस्त 2023 को सचिवों की समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई जिसमें निम्नलिखित निर्णय लिया गया है :
एपीडा से कहा जा सकता है कि वह 1200 अमरीकी डॉलर प्रति टन से ऊपर के अनुबंध मूल्य पर ही बासमती चावल (एचएस कोड 1006 3020) के लिए पंजीकरण सह आवंटन प्रमाण पत्र (रजिस्ट्रेशन एंड एलोकेशन सर्टिफिकेट) जारी करना सीमित रखे।
यह नियम 15 अक्टूबर 2023 तक प्रभावी रह सकता है और अक्टूबर 2023 के प्रथम सप्ताह में स्थिति की समीक्षा की जाएगी। एपीडा से आग्रह है कि वह सचिवों की समिति (सीओएस) के इस निर्णय को क्रियान्वित करने के लिए फौरन कार्रवाई आरंभ करे।
आसान शब्दों में कहा जाए तो सरकार ने बासमती चावल का न्यूनतम निर्यात मूल्य 1200 डॉलर प्रति टन निर्धारित कर दिया है और यदि कोई निर्यातक इससे नीचे मूल्य पर कोई अनुबंध करता है तो उसे रजिस्ट्रेशन एवं आवंटन प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाएगा।
यह निर्णय 15 अक्टूबर तक लागू रहेगा। इसके बाद बासमती चावल के नए माल की आवक शुरू हो जाएगी और तब स्थिति का आंकलन करने के बाद सरकार इसे हटाने या बरकरार रखने का निर्णय ले सकती है।
हाल के महीनों में देश से अच्छी मात्रा में बासमती चावल का निर्यात हुआ है जबकि आगे भी इसका सिलसिला जारी रहने की उम्मीद की जा रही थी।