iGrain India - नई दिल्ली । उम्मीद के अनुरूप केन्द्र सरकार ने अब सेला चावल के निर्यात को नियंत्रित करने का प्रयास आरंभ कर दिया है। इसके तहत इस चावल के निर्यात पर 20 प्रतिशत का सीमा शुल्क लागू किया गया है जिससे इसका निर्यात ऑफर मूल्य स्वाभाविक रूप से बढ़ जाएगा। लेकिन कुछ शर्तों के साथ इस सीमा शुल्क में अस्थायी छूट भी दी गई है।
केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार सेला चावल पर 20 प्रतिशत का निर्यात शुल्क तत्काल प्रभाव से लागू माना जाएगा। लेकिन कुछ ऐसे मापदंड नियत किए गए हैं जिसके तहत इस सीमा शुल्क से छूट प्रदान की जाएगी।
उस छूट या रियायत की समय सीमा 15 अक्टूबर 2023 तक रहेगी और उसके बाद उस पर भी निर्यात शुल्क लागू हो जाएगा। छूट रियायत के लिए निम्नलिखित शर्तें होंगी :
1. निर्यात उद्देश्य के लिए सेला चावल (एच एस कोड 1006 3010) 25 अगस्त 2023 से पूर्व सीमा शुल्क स्टेशन में पहुंच गया हो और सक्षम अधिकारी द्वारा निर्यात स्वीकृति के लिए अनुमति का आदेश जारी नहीं किया गया हो।
2. निर्यात के लिए अभिप्रेत सेला चावल इर्रेवोकेवल लेटर ऑफ क्रेडिट (एलसी) द्वारा समर्थित हो अर्थात उसके लिए एलसी की प्रक्रिया पूरी हो चुकी हो, जहां पर उक्त एलसी को 25 अगस्त 2023 से पहले खोला गया हो और भारतीय तथा विदेशी बैंक के बीच संदेश विनिमय (आदान-प्रदान) की तिथि या स्विफ्ट की तारीख 25 अगस्त 2023 से पहले की हो और वह लेटर ऑफ क्रेडिट प्राप्तकर्ता बैंक द्वारा प्रमाणित किया गया हो।
इन दोनों शर्तों का पालन करने वाले सेला चावल की खेप का निर्यात शुल्क 15 अक्टूबर तक लागू नहीं होगा जबकि शेष सेला चावल के निर्यात पर सीमा शुल्क तत्काल प्रभाव से लागू माना जाएगा। इससे निर्यात पर कुछ असर पड़ सकता है।