iGrain India - नई दिल्ली । खरीफ कालीन दलहन फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 128.07 लाख हेक्टेयर से 8.3 प्रतिशत घटकर इस बार 117.44 लाख हेक्टेयर रह गया है जबकि महत्वपूर्ण उत्पादक क्षेत्रों में मानसून की हालत भी अनुकूल नहीं है।
सर्वाधिक 5 लाख हेक्टेयर की गिरावट के क्षेत्रफल में आई है। तुवर एवं मूंग के रकबे में भी 2-2 लाख हेक्टेयर से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। तुवर के दो शीर्ष उत्पादक राज्यों- महाराष्ट्र एवं कर्नाटक में बारिश की तत्काल सख्त आवश्यकता है अन्यथा वहां फसल को भारी नुकसान हो सकता है।
अगस्त माह में बारिश की कमी 77 प्रतिशत तक पहुंच गई। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पिछले साल के मुकाबले चालू खरीफ सीजन के दौरान 25 अगस्त तक उड़द का उत्पादन क्षेत्र 13.81 प्रतिशत घटकर 31.10 लाख हेक्टेयर, मूंग का बिजाई क्षेत्र 8.10 प्रतिशत गिरकर 30.64 लाख हेक्टेयर तथा तुवर (अरहर) का क्षेत्रफल 5.3 प्रतिशत फिसलकर 42.11 लाख हेक्टेयर यह सिमट गया। अन्य दलहनों (कुलथी को छोड़कर) का रकबा भी 5 प्रतिशत की गिरावट के साथ 13.34 लाख हेक्टेयर रह गया।
सिर्फ राजस्थान में दलहन का उत्पादन क्षेत्र 1.36 लाख हेक्टेयर बढ़ा है जबकि अन्य अधिकांश प्रमुख उत्पादक राज्यों में क्षेत्रफल घट गया है। दलहनों के बिजाई क्षेत्र में पिछले साल के मुकाबले इस बार मध्य प्रदेश में 3.58 लाख हेक्टेयर, कर्नाटक में 3.15 लाख हेक्टेयर, महाराष्ट्र में 2.73 लाख हेक्टेयर, उत्तर प्रदेश में 61 हजार, तेलंगाना में 46 हजार, आंध्र प्रदेश में 44 हजार तथा गुजरात में 40 हजार हेक्टेयर की गिरावट आई है।
कम बिजाई एवं कमजोर बारिश का असर दाल-दलहन बाजार पर दिखाई पड़ने लगा है। अखिल भारतीय स्तर पर तुवर दाल का औसत खुदरा मूल्य बढ़कर 140 रुपए प्रति किलो, उड़द दाल का 116 रुपए एवं मूंग दाल का 112 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया है। इसके पीछे-पीछे चना दाल और मसूर दाल की कीमतों में भी तेजी आने लगी है।