iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने 2023-24 के रबी सीजन हेतु विभिन्न फसलों के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है जिसमें गेहूं एवं चना भी शामिल है। इसके तहत गेहूं के उत्पादन का लक्ष्य 1140 लाख टन निर्धारित किया गया है जो 2020-23 सीजन के अनुमानित उत्पादन हेक्टेयर के 60 प्रतिशत भाग में ऐसी किस्मों एवं प्रजातियों की खेती का लक्ष्य रखा है जो मजबूत एवं खतरनाक अल नीनो मौसम चक्र के प्रकोप को देखते हुए सरकार को रबी फसलों के लिए नई रणनिति बनाने की आवश्यकता महसूस हो रही है।
नई दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय रबी अभियान के लिए राष्ट्रीय सम्मलेन में विभिन्न फसलों के उत्पादन का लक्ष्य नियत किया गया। इसमें तमाम राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। केन्द्रीय कृषि सचिव भी इसमें मौजूद थे।
रबी सीजन में उत्पादित होने वाले सबसे प्रमुख दलहन-चना का उत्पादन लक्ष्य 135.50 लाख टन नियत किया गया है जो 2022-23 सीजन के अनुमानित उत्पादन 135.40 लाख टन से महज 10 हजार टन ज्यादा है।
ध्यान देने की बात है कि गेहूं एवं चना-दोनों के उत्पादन का व्यापारिक अनुमान सरकारी आंकड़ों से काफी छोटा है। रबी फसलों की बिजाई अगले महीने से आरंभ होने वाली है। रबी सीजन एक दौरान गेहूं एवं चना के अलावा जौ, मसूर, मटर तथा सरसों की खेती भी बड़े पैमाने पर होती है।
इसके साथ-साथ कुछ ऐसी फसलों की बिजाई भी होती है जिसका उत्पादन खरीफ एवं रबी-दोनों सीजन में होता है। इसमें मूंगफली, सूरजमुखी, तिल, उड़द एवं मूंग आदि शामिल है।
कांफ्रेंस को सम्बोधित करते हुए कृषि सचिव ने कहा कि मौसम में कुछ खास बदलाव हो रहे हैं और सरकार की रणनीति ऐसी किस्मों की फसलों का क्षेत्रफल बढ़ाने की हैं जिस पर इस बदलाव का न्यूनतम असर पड़े और कृषि उत्पादन प्रभावित न हो।
देश में जलवायु प्रतिरोध गेहूं की 800 से ज्यादा किस्में उपलब्ध हैं जिसे बीज श्रृंखला में शामिल किए जाने की जरूरत है। राज्यों को खास-खास क्षेत्रों की पहचान करके वहां गेहूं की उपयुक्त किस्मों की खेती को बढ़ावा देना चाहिए।