iGrain India - नई दिल्ली । दक्षिण-पश्चिम मानसून पश्चिमी राजस्थान औपचारिक तौर पर वापस लौटना शुरू हो गया है। वैसे मानसून सीजन के समाप्त होने में तीन-चार दिन ही काफी रह गए हैं लेकिन एक भारतीय बदलाव के तहत सितम्बर की अच्छी बारिश के कारण देशभर में कुल संचयी वर्षा की कमी घटकर महज 5 प्रतिशत रह गई है।
अब केवल देश के पूर्वी एवं पूर्वोत्तर भाग तथा दक्षिणी प्रायद्वीप में ही वर्षा की थोड़ी-बहुत कमी देखी जा रही है मगर केरल में यह कमी 38 प्रतिशत चल रही है जो गंभीर चिंता का विषय है। मालूम हो कि केरल देश में 'मसाला प्रदेश' के रूप में मशहूर है।
मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान से मानसून वापस लौट चुका है और समूचे देश से इससे प्रस्थान करने में कुछ दिन लग सकता है।
उधर हिन्द महासागर में एक सकरात्मक डायपोल (आईओडी) का निर्माण होने से सितम्बर में अच्छी बारिश हुई जो सामान्य औसत से 16 प्रतिशत अधिक रही।
इधर बंगाल की खाड़ी में हलचल बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। मौसम विभाग के अनुसार उत्तरी अंडमान सागर एवं निकटवर्ती क्षेत्र में 29 सितम्बर के आसपास एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन का निर्माण होने की उम्मीद है जो दक्षिणी चीन सागर में उत्पन्न सर्कुलेशन का समकक्ष अवशेष है।
इसके फलस्वरूप अगले दिन यानी 30 सितम्बर को उत्तरी अंडमान सागर तथा इससे सटे पूर्व-मध्यवर्ती बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दाब का क्षेत्र बनना शुरू हो सकता है।
इसके बाद यह अपने पारम्परिक मार्ग यानी पश्चिमी -उत्तर पश्चिमी दिशा की ओर बढ़ेगा और धीरे-धीरे सघन होता जाएगा। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कम दाब का क्षेत्र किसी डिप्रेशन या तूफान में परिणत होगा या नहीं। अलगे कुछ दिनों तक अंडमान निकोबार डीप समूह, तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, तटीय कर्नाटक एवं केरल में कहीं सामान्य तो कहीं भारी बारिश हो सकती है।
इसके अलवा उत्तरी आंतरिक कर्नाटक एवं रॉयल सीमा में भी वर्षा होने के आसार हैं। अगले सप्ताह मध्य महाराष्ट्र, गोवा एवं मराठवाड़ा तथा पूर्वी गुजरात में बारिश हो सकती है।