iGrain India - नई दिल्ली । शीर्ष उद्योग संस्था- इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने 2 अगस्त की अपनी रिपोर्ट में महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन अनुमान 119 लाख टन से घटाकर 109 लाख टन तथा कर्नाटक में 67 लाख टन से घटाकर 60 लाख टन निर्धारित कर दिया।
अगस्त माह के दौरान इन दोनों प्रांतों में भयंकर सूखे की स्थिति रही जिससे गन्ना की फसल को काफी नुकसान होने की आशंका है। इसके अलावा तमिलनाडु एवं गुजरात में भी वर्षा का अभाव होने से गन्ना की फसल प्रभावित हुई है जबकि वह चीनी के उत्पादन में चौथे एवं पांचवें नम्बर पर है।
इसके अलावा देश में गन्ना एवं चीनी का उत्पादन आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश एवं उत्तराखंड जैसे राज्यों में भी होता है।
उत्तर प्रदेश चीनी का अग्रणी उत्पादक राज्य है और नम्बर एक तथा दो पोजीशन के लिए महाराष्ट्र के साथ उसकी तीव्र प्रतिस्पर्धा रहती है। चीनी का थोड़ा-बहुत उत्पादन राजस्थान एवं उड़ीसा में भी होता है। बिहार में भी वर्षा कम हुई है। इसी तरह आंध्र प्रदेश में बारिश का कुछ अभाव हुआ है जो चीनी के उत्पादन में गिरावट का कारण बन सकता है।
जुलाई-अगस्त के दौरान चीनी के एक्स फैक्टरी मूल्य में 100-150 रुपए प्रति क्विंटल तक का इजाफा दर्ज किया गया लेकिन सितम्बर में यह कुछ नरम पड़ गया।
वर्तमान समय में महाराष्ट्र में चीनी का एक्स मिल भाव 3730 से 3950 रुपए प्रति क्विंटल के बीच चल रहा है जो सरकार द्वारा घोषित 3100 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम बिक्री मूल्य 3100 रुपए प्रति क्विंटल से काफी ऊंचा है। उत्तर प्रदेश, कर्नाटक एवं बिहार सहित अन्य उत्पादक राज्यों में भी चीनी का दाम ऊंचे स्तर पर बरकरार है।
केन्द्र सरकार का दावा है कि अगले तीन महीनों तक घरेलू मांग एवं जरूरत को पूरा करने के लिए चीनी का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है 31 अगस्त 2023 को उद्योग के पास करीब 83 लाख टन चीनी का स्टॉक मौजूद था। सरकार तकरीबन 25 लाख टन चीनी का मासिक फ्री सेल (NS:SAIL) कोटा जारी कर रही है। माना जा रहा है कि अक्टूबर के आरंभ में चीनी का स्टॉक घटकर 55 लाख टन के आसपास सिमट सकता है।